UP कैबिनेट के बड़े निर्णय: किरायेदारी शुल्क में छूट, लेखपाल प्रमोशन, बागपत में मेडिकल कॉलेज और पेंशन प्रक्रिया में बदलाव

Published : Nov 14, 2025, 03:45 PM IST
up cabinet decisions

सार

उत्तर प्रदेश सरकार ने किरायेदारी शुल्क में छूट, चैनमैन को लेखपाल पद पर प्रमोशन, बागपत में PPP मोड पर मेडिकल कॉलेज, दुकान एवं वाणिज्य अधिनियम का विस्तार और वृद्धावस्था पेंशन के स्वतः चिन्हीकरण सहित कई बड़े सुधार लागू किए हैं।

लखनऊ। प्रदेश सरकार ने राज्य में किरायेदारी प्रक्रिया को आसान और पारदर्शी बनाने के लिए बड़ा निर्णय लिया है। अब 10 वर्ष तक की अवधि वाले किरायानामा विलेखों पर स्टाम्प शुल्क और रजिस्ट्रेशन फीस में छूट मिलेगी। सरकार का उद्देश्य है कि मकान मालिक और किरायेदार लिखित किरायानामा तैयार करें और उसकी रजिस्ट्री कराएं, ताकि विवाद कम हों और किरायेदारी विनियमन अधिनियम का बेहतर पालन हो सके।

क्यों जरूरी था यह बदलाव

वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि एक वर्ष से ज्यादा अवधि वाले किरायेदारी विलेख की रजिस्ट्री पहले से अनिवार्य है, लेकिन अधिकांश किरायानामे मौखिक होते हैं या उनकी रजिस्ट्री नहीं कराई जाती। कई मामलों का पता बाद में GST विभाग और बिजली विभाग की पत्रावलियों की जांच में चलता है, जिससे कमी स्टाम्प शुल्क की वसूली करनी पड़ती है।

सरकार का मानना है कि ज्यादा शुल्क होने पर लोग रजिस्ट्री से बचते हैं। इसलिए शुल्क में छूट देकर 10 वर्ष तक के रेंट एग्रीमेंट को औपचारिक बनाने की जरूरत महसूस हुई। नई व्यवस्था में अधिकतम स्टाम्प शुल्क और अधिकतम रजिस्ट्रेशन फीस की सीमा तय कर दी गई है और औसत वार्षिक किराया तय करने की अधिकतम सीमा 10 लाख रुपये रखी गई है। टोल और खनन पट्टों को इस छूट में शामिल नहीं किया गया है।

नई शुल्क व्यवस्था क्या है? (अधिकतम स्टाम्प शुल्क और रजिस्ट्री फीस)

1) औसत वार्षिक किराया ₹ 2,00,000 तक

  • 1 वर्ष तक: ₹ 500
  • 1–5 वर्ष: ₹ 1,500
  • 5–10 वर्ष: ₹ 2,000

2) औसत वार्षिक किराया ₹ 2,00,001–₹ 6,00,000

  • 1 वर्ष तक: ₹ 1,500
  • 1–5 वर्ष: ₹ 4,500
  • 5–10 वर्ष: ₹ 7,500

3) औसत वार्षिक किराया ₹ 6,00,001–₹ 10,00,000

  • 1 वर्ष तक: ₹ 2,500
  • 1–5 वर्ष: ₹ 6,000
  • 5–10 वर्ष: ₹ 10,000

स्टाम्प एवं पंजीयन राज्य मंत्री रवींद्र जायसवाल के अनुसार, नई सीमा लागू होने से आम लोगों को भारी स्टाम्प शुल्क भरने की समस्या से राहत मिलेगी और रजिस्ट्री कराना आसान हो जाएगा।

लेखपाल सेवा नियमों में बड़ा बदलाव: चैनमैन को अब मिलेगा प्रमोशन का मौका

प्रदेश कैबिनेट ने लेखपाल सेवा नियमों में बदलाव करते हुए पहली बार चैनमैन के लिए लेखपाल पद पर पदोन्नति का रास्ता खोल दिया है। पंचम संशोधन नियमावली 2025 के अनुसार अब कुल लेखपाल पदों में 2% पद योग्य चैनमैन को प्रमोशन के आधार पर दिए जाएंगे।

कौन होगा प्रमोशन के लिए पात्र?

  • मूल रूप से चैनमैन पद पर नियुक्त
  • भर्ती वर्ष की पहली तारीख तक 6 वर्ष की सेवा पूर्ण
  • इंटरमीडिएट या समकक्ष परीक्षा पास
  • चयन समिति की सिफारिश के बाद प्रमोशन दिया जाएगा

राज्य में कुल 30,837 स्वीकृत लेखपाल पदों में से 21,897 पर तैनाती है जबकि 8,940 पद खाली हैं। सरकार का कहना है कि अनुभवी चैनमैन को प्रमोशन मिलने से विभाग की कार्यकुशलता बढ़ेगी और जमीनी स्तर पर योजनाएं बेहतर तरीके से लागू होंगी।

बागपत में PPP मोड पर मेडिकल कॉलेज: 5.07 हेक्टेयर भूमि निःशुल्क हस्तांतरित

कैबिनेट ने बागपत जिले में PPP मॉडल पर मेडिकल कॉलेज स्थापित करने के लिए 5.07 हेक्टेयर भूमि चिकित्सा शिक्षा विभाग को निःशुल्क देने को मंजूरी दी है। यह भूमि ग्राम मीतली में स्थित है और पहले मत्स्य विभाग के पास थी। विवादित 0.53 हेक्टेयर जमीन को छोड़कर बाकी भूमि कॉलेज निर्माण के लिए उपलब्ध होगी। वर्तमान में उत्तर प्रदेश के 60 जिलों में कुल 80 सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेज संचालित हैं, लेकिन बागपत में अभी तक कोई मेडिकल कॉलेज नहीं था।

दुकान एवं वाणिज्य अधिष्ठान अधिनियम का दायरा बढ़ा: अब पूरा प्रदेश शामिल

प्रदेश कैबिनेट ने दुकान एवं वाणिज्य अधिष्ठान अधिनियम, 1962 में महत्वपूर्ण संशोधन करते हुए इसकी सीमा नगरीय क्षेत्रों से बढ़ाकर पूरे राज्य तक कर दी है। अब ग्रामीण क्षेत्रों के प्रतिष्ठान भी इस कानून के दायरे में आएंगे।

किन प्रतिष्ठानों पर लागू होगा?

श्रम मंत्री अनिल राजभर ने बताया कि यह कानून अब उन सभी प्रतिष्ठानों पर लागू होगा जहां 20 या उससे अधिक कर्मचारी काम करते हैं।

इसके अलावा निम्न व्यवसाय भी अधिनियम में शामिल किए गए हैं:

  • क्लीनिक
  • पॉलीक्लीनिक
  • प्रसूति गृह
  • आर्किटेक्ट
  • कर व तकनीकी सलाहकार
  • सेवा प्रदाता
  • सेवा मंच
  • अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठान

इससे कर्मचारियों को कानूनी सुरक्षा, कार्यस्थल पर सुरक्षित वातावरण और अधिनियम के सभी लाभ मिलेंगे।

वृद्धावस्था पेंशन के लिए अब अलग से आवेदन नहीं करना होगा

राज्य सरकार ने वृद्धावस्था पेंशन को लेकर बड़ा फैसला लिया है। अब पात्र बुजुर्गों को पेंशन के लिए अलग आवेदन करने की जरूरत नहीं होगी। समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण ने बताया कि फैमिली आईडी ‘एक परिवार-एक पहचान’ प्रणाली से पात्र लाभार्थियों का स्वतः चयन होगा और उनकी सहमति मिलने पर पेंशन सीधे स्वीकृत की जाएगी।

कैसे मिलेगी पेंशन?

  • फैमिली आईडी के आधार पर उन व्यक्तियों की सूची बनेगी जिनकी उम्र अगले 90 दिनों में 60 वर्ष होने वाली है।
  • यह सूची API के माध्यम से पेंशन पोर्टल पर भेजी जाएगी।
  • विभाग SMS, व्हाट्सऐप और फोन कॉल से सहमति लेगा।
  • डिजिटल सहमति न मिलने पर ग्राम पंचायत सहायक या CSC केंद्र से भौतिक संपर्क किया जाएगा।
  • सहमति मिलने पर योजना अधिकारी 15 दिनों में डिजिटल सिग्नेचर से पेंशन मंजूर करेंगे।
  • पेंशन सीधे आधार-लिंक्ड बैंक खाते में भेजी जाएगी।
  • हर किस्त की जानकारी SMS से मिलेगी।
  • सरकार एक मोबाइल ऐप भी देगी जिसमें लाभार्थी अपनी पेंशन हिस्ट्री देख सकेंगे।

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