
लखनऊ की सुबह आज साधारण नहीं, बल्कि उम्मीदों से भरी हुई थी। हजारों बुजुर्गों के लिए ये दिन राहत लेकर आ सकता है क्योंकि सरकार एक ऐसी व्यवस्था लागू करने जा रही है जो प्रदेश के वृद्धजनों के जीवन को पहले से कहीं आसान बना देगी। पेंशन के लिए बार-बार दफ्तरों के चक्कर काटने की मजबूरी खत्म होने वाली है और बुजुर्गों को यह सुविधा उनके घर तक पहुंचाई जाएगी।
राज्य सरकार वृद्धावस्था पेंशन की प्रक्रिया को पूरी तरह सरल बनाने की तैयारी में है। अब 60 वर्ष की आयु पूरी होते ही संबंधित विभाग की ओर से लाभार्थी को फोन किया जाएगा और पूछा जाएगा कि वह वृद्धावस्था पेंशन लेना चाहता है या नहीं। सहमति मिलने पर एक सुगम प्रक्रिया पूरी करके सीधे पेंशन शुरू कर दी जाएगी।
यह योजना फैमिली आईडी सिस्टम से जोड़कर लागू की जा रही है ताकि पात्रता की स्वतः पुष्टि हो सके और बुजुर्गों को किसी प्रकार की दिक्कत न आए।
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में शुक्रवार को होने वाली कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल सकती है। बैठक में 15 से अधिक प्रस्तावों पर चर्चा और अनुमोदन की संभावना है। कैबिनेट के बाद मुख्यमंत्री मंत्रियों के साथ एक विशेष बैठक भी करेंगे।
राज्य की औद्योगिक वृद्धि को गति देने के उद्देश्य से कई बड़े प्रस्ताव लाए जा रहे हैं-
सरकारी विभागों में संरचनात्मक बदलाव और पदोन्नति से जुड़े कई अहम प्रस्ताव भी शामिल हैं-
इसके साथ ही त्रिस्तरीय पंचायतीराज संस्थाओं की 2019-20 की वार्षिक रिपोर्ट विधानमंडल में पेश की जा सकती है।
आज की कैबिनेट बैठक कई ऐसे फैसलों का मार्ग खोल सकती है जो न केवल बुजुर्गों, बल्कि किसानों, उद्योगों, प्रशासनिक कर्मचारियों और न्यायिक सेवाओं से जुड़े लोगों को सीधे प्रभावित करेंगे।
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