
कड़ाके की ठंड और घने कोहरे के बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने राहत और संवेदना की मजबूत ढाल खड़ी कर दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश प्रशासन शीतलहर से जूझ रहे गरीब, बेसहारा और जरूरतमंद लोगों के लिए पूरी तरह अलर्ट है। रैन बसेरों से लेकर अलाव और कंबल वितरण तक, ठंड से बचाव की हर व्यवस्था को जमीनी स्तर पर सक्रिय कर दिया गया है, ताकि कोई भी व्यक्ति ठिठुरता हुआ रात न गुजारे।
शीतलहर को देखते हुए प्रदेश में अब तक 1247 रैन बसेरे स्थापित किए जा चुके हैं। इन रैन बसेरों में 9949 से अधिक जरूरतमंद लोग आश्रय ले चुके हैं। जिला प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं कि रैन बसेरों में साफ-सफाई, प्रकाश, गर्म पानी और सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, ताकि ठंड के बीच लोगों को सुरक्षित वातावरण मिल सके।
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प्रदेश सरकार ने ठंड से बचाव के लिए कंबल वितरण को प्राथमिकता दी है। बीते तीन वर्षों में औसतन 10.65 लाख कंबलों की खरीद की गई, जिस पर लगभग 44.38 करोड़ रुपये की धनराशि खर्च हुई। चालू शीतकालीन व्यवस्था के तहत सभी जनपदों को 17.55 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। 75 जनपदों द्वारा कंबल खरीद के लिए क्रयादेश जारी किए जा चुके हैं। अब तक 3,78,884 कंबलों की आपूर्ति पूरी हो चुकी है, जबकि 1,40,364 कंबलों का वितरण जरूरतमंदों को किया जा चुका है। शेष कंबलों का वितरण लगातार जारी है।
ठंड से राहत के लिए प्रदेश के सभी जनपदों में सार्वजनिक स्थलों पर अलाव जलाने की समुचित व्यवस्था की गई है। इसके लिए 1.75 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित की गई है। जनपदों में प्रतिदिन जलाए जा रहे अलावों की जानकारी राहत पोर्टल पर अपलोड की जा रही है, जिससे शासन स्तर पर लगातार निगरानी बनी हुई है।
घने कोहरे के कारण होने वाली सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सरकार ने तकनीक का सहारा लिया है। राहत आयुक्त कार्यालय द्वारा सचेत ऐप और वेब पोर्टल के माध्यम से अब तक 33.27 करोड़ अलर्ट एसएमएस जारी किए जा चुके हैं। ये संदेश अधिकारियों के साथ-साथ आम नागरिकों तक भी पहुंचाए गए हैं। इसके अलावा यूपीडा, एनएचएआई और पीडब्ल्यूडी जैसे विभागों द्वारा जिलाधिकारियों और जिला पुलिस को ई-मेल के जरिए लगातार कोहरे से संबंधित अलर्ट भेजे जा रहे हैं।
सरकार ने साफ निर्देश दिए हैं कि शीतलहर के दौरान कोई भी जरूरतमंद व्यक्ति ठंड से पीड़ित न रहे। जिला प्रशासन, नगर निकाय और संबंधित विभागों को पूरी संवेदनशीलता और तत्परता के साथ राहत कार्य संचालित करने के आदेश दिए गए हैं। शीतलहर के इस दौर में उत्तर प्रदेश सरकार का यह राहत अभियान न सिर्फ प्रशासनिक सतर्कता, बल्कि मानवीय संवेदना का भी मजबूत उदाहरण बनकर सामने आया है।
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