
Uttar Pradesh News : कफ सिरप मामले में पुलिस, एसटीएफ एवं खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग लगातार छापेमारी एवं गिरफ्तारी कर रही है। जांच में रोज नए-नए तथ्य सामने आ रहे हैं। इसको लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। कफ सिरप मामले को लेकर विपक्ष सत्ता पक्ष पर भी गंभीर आरोप लगा रहा है। इस पूरे प्रकरण में अब दवा व्यापारियों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। 10 दवा व्यापारियों ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया है। व्यापारियों ने कहा कि उन्हें फर्जी एवं मनगढ़ंत तथ्यों के आधार पर फंसाया गया है।
प्रार्थना पत्र में व्यापारियों ने कहा है कि उन्होंने फर्जी एवं मनगढ़ंत तथ्यों के आधार पर आरोपित कर अभियुक्त बना गया है, जबकि उनके द्वारा कोई अपराध नहीं किया गया है। हम लोगो को पुलिस द्वारा तलाश एवं गिरफ्तारी के लिए दबिश दिया जा रहा है। प्रार्थना पत्र में व्यापारियों ने कहा कि हम लोगों किस अपराध की धाराओं में आरोपित किया गया है। उन्होंने कोर्ट से मांग की है कि हम लोगों को मुकदमा अपराध संख्या 235/2025 में अन्य किन-किन धाराओं में आरोपित किया गया है, प्रस्तखार आख्या आहूत कर न्यायिक अभिरक्षा में लेने हेतु आदेशित करने की कृपा करें।
पूरे मामले में लेकर अधिवक्ता श्रीनाथ त्रिपाठी ने कहा कि यह पूरा मामला झारखंड में मौत कफ सिरफ से बच्चों से जुड़ा नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि फ़ेन्सडील कफ सिरप कहीं से अवैध नहीं है, उन्होंने कहा कि एक बड़ी कंपनी बनाती है, जो पूरे देश भर में इसकी सप्लाई होती है। उन्होंने आगे कहा कि अगर व्यापारियों ने कोई गलत कार्य किया है तो उसकी जांच कर कार्रवाई की जाए लेकिन यह कहीं से एनडीपीएस एक्ट में नहीं आता है। यह पूरा मामला बेबुनियाद है। इन व्यापारियों से दबिश के नाम पर धन उगाई की जा रही है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग है कि जब तक इस पूरे मामले की जांच ना हो जाए तब तक व्यापारियों की गिरफ्तारी न किया जाए। अधिवक्ता श्रीनाथ त्रिपाठी ने आगे कहा कि व्यापारी डरे सहमे हुए हैं। उन्होंने आगे कहा कि वो पूरे प्रकरण की एक एक बिंदुओं पर अध्ययन किया है। इसे बढ़ा चढ़ा कर बताया जा रहा हैं। 2000 करोड़ के ऊपर टर्नओवर के विषय में कहा कि यह उससे ज्यादा का टर्नओवर है, लेकिन यह काम सारे लीगल तौर पर किए गए हैं। उन्होंने आगे कहा कि पूरे प्रकरण में व्यापारी सहयोग करने के लिए तैयार है। ठंड के इस मौसम में व्यापारी घर छोड़कर भागते फिर रहे हैं।
खास सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन द्वारा वाराणसी में एक प्रेस रिलीज जारी किया। जिसमें बताया गया कि रांची (झारखंड) में घटनाओं को लेकर वाराणसी में अभियान चलाया गया। जिसके तहत में मेमर्स शैली ट्रेडर्स संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ थाना कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराया गया। खाद्य सुरक्षा औषधि प्रशासन विभाग ने बताया कि शैली ट्रेडर्स द्वारा सन 2023 - 25 तक 89 लाख फेंसीडील कफ सिरप, ऐबट हेल्थकेयर से खरीदा गया। 84 लाख कफ सिरप 93 अलग-अलग मेडिकल स्टोर पर विक्रय किया गया। जिसकी अनुमानित कीमत ₹100 करोड़ है। जिसमें बताया गया कि शैली ट्रेडर्स, रांची एवं न्यू वृद्धि फार्मा, वाराणसी में कॉम्पिटेंट पर्सन के रूप में कार्य करते पाया गया। जो लाइसेंस नियमों का गंभीर उल्लंघन है।
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने बताया कि जांच में कुल 9 फॉर्म सृष्टि फार्मा, जीटी इंटरप्राइजेज, शिवम फार्मा, हर्ष फार्मा, डीसीए फार्मा, महाकाल मेडिकल स्टोर, निशांत फार्मा, वीपीएम मेडिकल एजेंसी एवं श्री बालाजी मेडिकल मौके पर बंद पाएं गए। विभाग ने आगे कहा कि जिससे स्पष्ट है की आपूर्ति अवैध बिलों के माध्यम से ऐसे फर्मों पर की गई जो भौतिक रूप से अस्तित्व में नहीं है, जो विधि विरुद्ध कार्य है। इन फर्मों में कई अनियमितता पाया गया। एक ही स्थान पर दो फर्म का रजिस्ट्रेशन, 2 लाख से ज्यादा कप सिरप क्रय किया गया लेकिन दस्तावेज में नहीं मिला।
वाराणसी के जिला सत्र न्यायालय में अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वितीय को वाराणसी के 10 व्यापारियों तुषार अग्रवाल निवासी नेपाली खपड़ा, नीरज सेठ निवासी माधवराव धरहरा, ऋषभ यादव निवासी धूपचण्डी, प्रतीक कुमार निवासी श्रीकुंज खजुरी, पाण्डेयपुर, धर्मेन्द्र अग्रवाल निवासी ताराधाम कालोनी भेलूपुर, विवेक कुमार खन्ना कंदवा, अल्पेस पटेल काली महल चेतगंज, मुकेश कुमार यादव लोहा मण्डी मलदहिया, विरेन्द्र लाल वर्मा नीचीबाग एवं महेश खेतान निवासी साकेत नगर ने अधिवक्ता श्रीनाथ त्रिपाठी के माध्यम से एक प्रार्थना पत्र सौंपा है। (खबर इनपुट - सुरेन्द्र गुप्ता, वाराणसी)
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