
उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग ने जनता को बड़ी राहत देने वाला निर्णय लिया है। 2017 से 2021 तक बने लाखों गैर-कर ई-चालानों को समाप्त करने का फैसला किया गया है। अब वाहन मालिकों को फिटनेस, परमिट, वाहन ट्रांसफर और एचएसआरपी जैसी सेवाओं में आने वाली बाधाओं से छुटकारा मिलेगा।
विभाग ने स्पष्ट किया है कि जिन चालानों की समय-सीमा पूरी हो चुकी है, उन्हें पोर्टल पर दो श्रेणियों में दिखाया जाएगा:
टैक्स से जुड़े चालान इस योजना के दायरे से बाहर रहेंगे।
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परिवहन विभाग ने कहा है कि यह पूरी प्रक्रिया 30 दिनों के भीतर पूरी कर दी जाएगी। इसके बाद वाहन स्वामी पोर्टल पर जाकर अपने चालान की स्थिति देख सकेंगे। न तो किसी को रिफंड मिलेगा और न ही पुराने चालान दोबारा खोले जाएंगे।
फ्रंट-एंड पर सभी अवरोध हट जाएंगे जबकि बैक-एंड पर पूरा रिकॉर्ड सुरक्षित रहेगा।
यह फैसला केवल उन्हीं मामलों पर लागू होगा जो 31 दिसंबर 2021 तक लंबित थे। टैक्स, गंभीर अपराध, दुर्घटना या IPC से जुड़े मामले इस राहत के दायरे से बाहर रहेंगे। विभाग का मानना है कि यह कदम जनता को अनावश्यक परेशानियों से राहत दिलाने और सेवाओं को पारदर्शी बनाने के लिए ज़रूरी था।
एनआईसी पोर्टल में बदलाव कर रहा है ताकि पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और सुरक्षित रहे। हर हफ्ते एक डैशबोर्ड पर प्रगति रिपोर्ट साझा की जाएगी। टैक्स से जुड़ी देनदारियां और कोर्ट के आदेश यथावत रहेंगे।
परिवहन आयुक्त ब्रजेश नारायण सिंह ने कहा: “यह निर्णय कानूनन सही, जन-हितैषी और पारदर्शी प्रशासन की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। हमारा लक्ष्य है कि नागरिकों को सुगम और सम्मानजनक सेवाएं समय पर उपलब्ध हों। सभी अधिकारी और कर्मचारी तय समय-सीमा में 100 प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित करें।”
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