ग्राम प्रधानों ने CM योगी को सुनाई बदलाव की कहानी, बताया-यूपी गांवों में 8 साल में क्या-क्या बदला?

Published : Sep 27, 2025, 01:11 PM IST
Yogi Adityanath Gram Pradhan initiative

सार

विकसित यूपी@2047 संवाद में ग्राम प्रधानों ने बताया, कैसे 8 वर्षों में गांवों में मॉडल ग्राम, महिला सशक्तिकरण, स्मार्ट क्लास और पंचायत पुरस्कार जैसी नई मिसालें बनीं।

Model Village Success Stories UP: उत्तर प्रदेश के गांव अब केवल उम्मीद का प्रतीक नहीं हैं, बल्कि बदलाव की जीती-जागती मिसाल बन चुके हैं। विकसित यूपी@2047 संवाद शृंखला में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हुए वर्चुअल संवाद में ग्राम प्रधानों ने अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि बीते आठ वर्षों में गाँवों में जो बदलाव आया, वह पहले सिर्फ सपना था। आज वही सपना हकीकत बनकर गाँव-गाँव में नई ऊर्जा, आत्मविश्वास और विकास की दिशा में कदम बढ़ा रहा है।

गांव में कैसे आया बदलाव? ग्राम प्रधानों की जुबानी

श्रावस्ती जिले के इकौना विकास खंड की ग्राम पंचायत टड़वा महंत के प्रधान शिवकुमार राजभर ने कहा कि मुख्यमंत्री जी के अभियान से पूरा गाँव जुड़ गया है। उन्होंने उत्साहित होकर बताया कि मुख्यमंत्री जी अगले दिन उनके गांव आ रहे हैं और पूरे गाँव में उत्साह का माहौल है। इसी तरह कौशांबी जिले की ग्राम पंचायत उखैया खास की प्रधान सीमा निर्मल ने बताया कि महिला स्वयं सहायता समूहों ने महिलाओं की जिंदगी बदल दी है। पंचायत की बैठकों का संचालन वह स्वयं करती हैं और बीसी सखी ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने का काम कर रही हैं।

 

 

मॉडल ग्राम और स्मार्ट क्लास: क्या है इस बदलाव का राज?

बरेली जिले की बिथरी चैनपुर ब्लॉक की ग्राम पंचायत भरतौल की प्रधान प्रवेश ने बताया कि उनके गांव में सबसे पहले मॉडल राशन की दुकान खोली गई थी। आज यह गांव मॉडल ग्राम के रूप में जाना जाता है और गाँव की महिलाएं लगातार आत्मनिर्भर बनने की दिशा में काम कर रही हैं।

स्वतंत्रता सेनानियों की यादें हुईं पुर्नजीवित

अलीगढ़ जिले की गोंडा ब्लॉक की ग्राम पंचायत तलेसरा के प्रधान गजेंद्र सिंह ने मुख्यमंत्री को अपने गांव की ऐतिहासिक विरासत से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि उनके गांव से 13 स्वतंत्रता संग्राम सेनानी जुड़े हैं और उनकी स्मृति में स्टेडियम व अमृत सरोवर बने हैं। साथ ही ग्राम सचिवालय, बैंक्वेट हॉल और स्कूल में स्मार्ट क्लास जैसी आधुनिक सुविधाएं भी मौजूद हैं।

स्वच्छता और महिला सशक्तिकरण: ग्राम प्रधान क्या बता रहे हैं?

अयोध्या जिले की ग्राम पंचायत सनाहा की प्रधान रीना पांडेय ने बताया कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की सभी योजनाएं उनके गांव में लागू हैं। उन्होंने विशेष रूप से कूड़ा निस्तारण व्यवस्था का उल्लेख किया, जिसे मुख्यमंत्री ने विकसित यूपी की ठोस नींव बताया।

बांदा के इस गांव ने जीता मुख्यमंत्री पंचायत पुरस्कार

बांदा जिले की ग्राम पंचायत दुरेड़ी के प्रधान देवीदयाल सिंह ने गर्व से कहा कि उनकी पंचायत को मुख्यमंत्री पंचायत पुरस्कार योजना के तहत 36 लाख रुपये का पुरस्कार मिला। उन्होंने विकसित यूपी के तीन आयाम- ‘अर्थ शक्ति, जीवन शक्ति और सृजन शक्ति’ के बारे में भी जानकारी दी। पंचायत के सभी आठ विद्यालयों में स्मार्ट क्लास चल रहे हैं।

गांव में पंचायत पुरस्कार और महिला स्वयं सहायता समूहों का प्रभाव

शाहजहांपुर जिले की भवालखेड़ा ग्राम पंचायत के प्रधान जय प्रकाश ने बताया कि उनके गांव को दो बार मुख्यमंत्री पंचायत प्रोत्साहन पुरस्कार मिला। उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूहों ने गाँव की अर्थव्यवस्था को मजबूती दी है। रामपुर जिले की ग्राम पंचायत कोयला के प्रधान भूकन लाल ने बताया कि उनकी पंचायत की आबादी 7700 है और सभी परिवारों तक विकास की योजनाएं पहुंच रही हैं। गांव में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, इंटर कॉलेज, बैंक, डाकखाना और लाइब्रेरी जैसी सुविधाएं मौजूद हैं। उन्होंने कूड़ा संग्रहण और निस्तारण व्यवस्था की जानकारी भी साझा की।

उत्तर प्रदेश के गांव अब आत्मनिर्भर कैसे बन रहे हैं?

इन सभी संवादों से यह स्पष्ट हुआ कि उत्तर प्रदेश के गांव अब आत्मनिर्भरता, स्वच्छता, शिक्षा और महिला सशक्तिकरण की नई कहानियां लिख रहे हैं। ग्राम प्रधानों की सक्रियता और जागरूकता ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी प्रभावित किया। उन्होंने कहा कि यही प्रयास विकसित यूपी @2047 के लक्ष्य को पूरा करने की वास्तविक शक्ति हैं।

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