
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश में सड़क सुरक्षा मजबूत करने और दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए ई-चालान प्रक्रिया को तेजी से इंटीग्रेट किया जा रहा है। ट्रैफिक पुलिस, परिवहन विभाग और यातायात निदेशालय मिलकर ई-चालान पोर्टल का विस्तार, दुर्घटना डेटा विश्लेषण और वाहन बीमा एकीकरण जैसे महत्वपूर्ण कार्य कर रहे हैं।
ई-चालान सिस्टम को वाहन और सारथी एप से जोड़ा जा रहा है, साथ ही एक्सीडेंट डेटा इकट्ठा करने के लिए एक ऑनलाइन डैशबोर्ड बनाया जा रहा है। वाहन बीमा को भी ई-चालान प्रणाली से जोड़ने की तैयारी है। इन सभी कदमों से सड़क हादसों और उनसे होने वाली मौतों में उल्लेखनीय कमी आने की उम्मीद है।
पहले चरण में 17 जनपदों में लागू हुई प्रक्रिया
रोड सेफ्टी को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार एक विस्तृत कार्ययोजना लागू कर रही है। मुख्य सचिव की बैठक में मिले अनुमोदन के बाद पूरे प्रदेश में ई-चालान इंटीग्रेशन की प्रक्रिया गति पकड़ चुकी है। पहले चरण में ट्रैफिक पुलिस और परिवहन विभाग के चालानों को जोड़ते हुए 17 जिलों में ई-चालान पोर्टल का इंटीग्रेशन शुरू कर दिया गया है। यह कार्य एनआईसी की तकनीकी सहायता से किया जा रहा है। इंटीग्रेशन पूरा होने के बाद-
एआई आधारित प्लेटफॉर्म से सभी डेटा का एकीकरण
यूपी परिवहन विभाग सारथी पोर्टल के माध्यम से ड्राइविंग लाइसेंस से जुड़े सभी चालानों का इंटीग्रेशन पहले ही पूरा कर चुका है। अब वाहन, सारथी, ई-डार, आई-रैड ऐप और ई-चालान पोर्टल को आपस में जोड़ने के लिए एक एआई आधारित प्लेटफॉर्म विकसित किया जा रहा है।
इसके साथ ही एक्सीडेंट डेटा के संग्रह और विश्लेषण के लिए ऑनलाइन डैशबोर्ड भी बनाया जा रहा है। विभाग ने ई-डार और आई-रैड ऐप के माध्यम से सभी जिलों से दुर्घटना और चालान डेटा की फीडिंग शुरू कर दी है, जिसके आधार पर सुधारात्मक कदम लागू किए जा रहे हैं।
पांच से अधिक चालानों पर बढ़ सकता है बीमा प्रीमियम
सरकार ई-चालान को वाहन बीमा से जोड़ने की दिशा में भी काम कर रही है। प्रस्तावित योजना के तहत-
बीमा कंपनियों ने इस योजना पर सिद्धांततः सहमति दी है, हालांकि प्रीमियम दरों में बदलाव आईआरडीएआई से मंजूरी मिलने के बाद ही संभव होगा। सड़क सुरक्षा को और मजबूत बनाने के लिए ट्रैफिक पुलिस और प्रवर्तन दलों को आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
योगी सरकार का लक्ष्य टेक्नोलॉजी आधारित प्रभावी प्रवर्तन प्रणाली बनाना है। ई-चालान इंटीग्रेशन, दुर्घटना डेटा विश्लेषण और बीमा लिंकिंग जैसे प्रयास राज्य को सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में देश का अग्रणी मॉडल बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होंगे।
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