
उत्तर प्रदेश में ठंड आते ही बिजली उपभोक्ताओं पर महंगाई की नई मार पड़ गई है. इस बार सिर्फ कोहरा ही नहीं, बल्कि बिजली बिलों में बढ़ोतरी ने भी लोगों की परेशानी बढ़ा दी है. अब हर उपभोक्ता को अपने मासिक बिल में 5.56 फीसदी तक अधिक भुगतान करना पड़ेगा.
उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) ने सितंबर 2025 की बढ़ी ईंधन लागत को एडजस्ट करने के लिए यह FPPCA सरचार्ज लागू किया है. इससे उपभोक्ताओं से सिर्फ एक महीने में करीब 264 करोड़ रुपये की अतिरिक्त वसूली होने का अनुमान है. यानी अब आपका हर बिल पहले से ज्यादा भारी होगा.
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इस बढ़ोतरी के साथ बिजली की हर यूनिट की लागत बढ़ जाएगी. गांव, कस्बों और शहरों के सभी श्रेणी के उपभोक्ताओं पर इसका सीधा असर पड़ेगा. उपभोक्ताओं को उम्मीद थी कि सर्दियों में बिल कम आएगा, लेकिन यह फैसला राहत की जगह तनाव देने वाला बन गया है.
राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने इस कदम को पूरी तरह उपभोक्ता विरोधी बताया है. उनके अनुसार, जब डिमांड बेस्ड टैरिफ लागू किया गया था, तब कहा गया था कि इससे उपभोक्ताओं को सीधा लाभ होगा, लेकिन हकीकत बिल्कुल उलट है.
वर्मा का आरोप है कि बिजली कंपनियों के पास उपभोक्ताओं का ही लगभग 51,000 करोड़ रुपये का सरप्लस फंड मौजूद है. इसके बावजूद बार-बार ईंधन सरचार्ज के नाम पर जनता की जेब काटी जा रही है. उन्होंने इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है.
नया सरचार्ज लागू होने के बाद उपभोक्ता संगठनों में नाराजगी बढ़ती दिख रही है. अब देखना यह होगा कि सरकार और बिजली विभाग इस विरोध के बाद क्या निर्णय लेते हैं. फिलहाल यूपी की जनता एक और महंगाई का झटका झेलने को मजबूर है.
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