BHU Varanasi Clash: BHU में देर रात अचानक ऐसा क्या हुआ कि छात्रों और सुरक्षा कर्मियों के बीच भीषण पत्थरबाजी हो गई? 100 से ज्यादा लोग घायल कैसे हुए? क्या यह केवल छात्रा विवाद था या किसी बड़ी साजिश की शुरुआत? आखिर किस चिंगारी ने हिंसा को आग बना दिया?
वाराणसी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में मंगलवार देर रात ऐसा विवाद भड़का जिसे काबू करने में पुलिस और सुरक्षाकर्मियों को घंटों लग गए। कैंपस में छात्रों और सुरक्षा कर्मियों के बीच अचानक हाथापाई, मारपीट और फिर पत्थरबाजी शुरू हो गई। देखते ही देखते हालात बेकाबू हो गए और एलडी गेस्ट हाउस चौराहे से लेकर हॉस्टलों तक पूरे इलाके में अफरातफरी फैल गई। घटना इतनी बड़ी थी कि मौके पर करीब तीन थानों की पुलिस, 10 चौकियों का स्टाफ और चार ट्रक PAC तैनात करनी पड़ी।
इस झगड़े में अब तक 100 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं, जिनमें 50 छात्र, 40 सुरक्षाकर्मी और 10 से अधिक पुलिसकर्मी शामिल हैं। कई छात्रों की हालत गंभीर है और उन्हें ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया है। आधा किलोमीटर तक सड़क पर ईंट-पत्थर बिखरे मिले और 10 से ज्यादा गमले, कुर्सियां और वाहन तोड़ दिए गए। तमिल संगमम के “वणक्कम काशी” वाले दो बड़े पोस्टर भी फाड़ दिए गए।

BHU Clash: आखिर इतना बड़ा बवाल क्यों हुआ? असली वजह क्या है?
यह सवाल छात्रों से लेकर प्रशासन तक सभी पूछ रहे हैं कि आखिर BHU परिसर में ऐसी हिंसक स्थिति क्यों बनी। कुछ छात्रों के अनुसार, शुरुआत उस समय हुई जब राजाराम हॉस्टल के पास एक गाड़ी ने एक छात्रा को धक्का मार दिया। शिकायत करने पहुंचे छात्रों और गाड़ी चालक के बीच बहसबाजी हो गई। लेकिन प्रॉक्टोरियल बोर्ड का दावा है कि शुरूआती विवाद कुछ और ही था। अधिकारियों के मुताबिक, मुंह बांधे कुछ छात्र पहले से एक युवक को पीट रहे थे, तभी सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें पकड़कर प्रॉक्टोरियल बोर्ड के हवाले किया। इसके बाद बड़ी संख्या में छात्र हॉस्टलों से निकल आए और सुरक्षा कर्मियों पर टूट पड़े।

BHU Stone Pelting Mystery: पत्थरबाजी अचानक कैसे शुरू हो गई?
धरना दे रहे छात्रों के अनुसार, जब घायल छात्रों को न्याय दिलाने की मांग की जा रही थी, तभी माहौल अचानक गरम हो गया। कुलपति आवास के बाहर शांतिपूर्ण प्रदर्शन चल रहा था, लेकिन कुछ ही मिनटों में भारी पत्थरबाजी शुरू हो गई। गुस्साए छात्रों ने एलडी गेस्ट हाउस चौराहे पर रखे सजावटी गमले तोड़े और एक-दूसरे का पीछा करते हुए दौड़भाग मचा दी। करीब तीन घंटे तक पुलिस और PAC छात्रों को हॉस्टलों की ओर खदेड़ती रही। कहा जा रहा है कि दोनों तरफ से उकसावे की घटनाएं हुईं, जिससे आग और भड़क गई।

BHU Security Lapse: क्या कैंपस में सुरक्षा व्यवस्था फेल हो गई थी?
इतने बड़े स्तर पर पत्थरबाजी और हिंसा ने BHU की सुरक्षा प्रणाली पर कई सवाल उठा दिए हैं। चीफ प्रॉक्टर प्रो. शिव प्रकाश सिंह का कहना है कि अभी किसी भी पक्ष से औपचारिक शिकायत नहीं मिली है, लेकिन CCTV फुटेज की जांच हो रही है। पुलिस भी यह पता लगा रही है कि हिंसा की शुरुआत किसने की और भीड़ कैसे इतनी तेजी से इकट्ठी हो गई।

BHU में तनाव बरकरार-बवाल की असली चिंगारी क्या थी?
BHU जैसे शांतिपूर्ण और प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में ऐसा बवाल क्यों हुआ, यह अभी भी एक रहस्य बना हुआ है। तमिल संगमम कार्यक्रम के आयोजन से ठीक एक दिन पहले ऐसा माहौल बनना प्रशासन के लिए भी चिंता का विषय है।



