
Uttar Pradesh FDI: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश तेजी से ग्लोबल निवेशकों की पहली पसंद बनता जा रहा है। यह बदलाव प्रदेश सरकार की पारदर्शी और मजबूत औद्योगिक नीति का नतीजा है। आज अंतरराष्ट्रीय कंपनियां ऐसे सुरक्षित और बड़े बाजार की तलाश में हैं जहां बेहतर कनेक्टिविटी, विशाल उपभोक्ता आधार और मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर मौजूद हो और उत्तर प्रदेश इन सभी मानकों पर खरा उतर रहा है। हाल ही में विदेशी निवेश की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था “उत्तर प्रदेश अब सिर्फ निवेश की संभावना नहीं, बल्कि निवेश के भरोसे का राज्य बन गया है।”
पिछले करीब साढ़े आठ साल में यूपी सरकार ने निवेशकों के लिए ऐसा माहौल तैयार किया है जिसने विदेशी कंपनियों को बड़े पैमाने पर आकर्षित किया है। इसका नतीजा है कि लखनऊ, नोएडा, कानपुर और ग्रेटर नोएडा में कई ग्लोबल कंपनियां विनिर्माण और सेवा क्षेत्र से जुड़ी इकाइयां स्थापित कर रही हैं। विदेशी प्रतिनिधिमंडलों की लगातार बढ़ती विजिट और अलग-अलग देशों द्वारा यूपी को निवेश योग्य श्रेणी में शामिल करना साबित करता है कि सरकार ने जमीन पर बड़े बदलाव किए हैं।
योगी सरकार ने सत्ता में आने के बाद उद्योगों से जुड़ी बाधाओं को हटाने पर तेज गति से काम किया। सिंगल विंडो सिस्टम और उद्योग-अनुकूल नीतियों ने निवेश प्रक्रिया को सरल और तेज बना दिया। आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में यूपी की तेज प्रगति उल्लेखनीय है। वैश्विक चेन की सक्रिय भागीदारी ने नोएडा को इलेक्ट्रॉनिक्स हब का दर्जा दिलाया है। कई बड़ी विदेशी कंपनियां यहां मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग, कंपोनेंट निर्माण और डेटा सेवाओं में निवेश कर रही हैं। नोएडा और ग्रेटर नोएडा में बन रहा अत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग कॉरिडोर यूपी को एशिया के प्रमुख टेक हब्स की सूची में पहुंचा रहा है।
निवेश बढ़ने का सीधा फायदा युवाओं को रोजगार के रूप में मिला है। अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के आने से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों तरह के रोजगार तेजी से बढ़े हैं। पिछले वर्षों में लाखों युवाओं को इलेक्ट्रॉनिक्स, आईटी, लॉजिस्टिक्स और ग्लोबल सप्लाई चेन से जुड़े क्षेत्रों में ट्रेनिंग दी गई और नौकरियां प्रदान की गईं। सरकार का कौशल विकास मिशन इन कंपनियों की जरूरत के अनुसार स्किल्ड वर्कफोर्स तैयार करने में अहम भूमिका निभा रहा है। सरकार का लक्ष्य आने वाले समय में यूपी को देश का सबसे बड़ा विनिर्माण केंद्र बनाना है और इस दिशा में तेजी से काम जारी है।
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वित्तीय वर्ष 2025–26 में सितंबर 2025 तक उत्तर प्रदेश को 683 मिलियन अमेरिकी डॉलर का विदेशी निवेश मिला है। अक्टूबर 2019 से अब तक प्रदेश का कुल संचयी FDI बढ़कर 2,754 मिलियन डॉलर हो गया है। अधिकारियों के अनुसार, इस अवधि में यूपी को 5,963 करोड़ रुपये का कुल विदेशी निवेश प्रवाह मिला, जो पिछले सालों की तुलना में तेज वृद्धि को दर्शाता है। सरकार की पारदर्शी नीतियों ने विदेशी कंपनियों का भरोसा मजबूत किया है, जिससे आईटी, इलेक्ट्रॉनिक्स और मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्रों में नए अवसर तेजी से बन रहे हैं। एफडीआई एफसीआई फॉर्च्यून-500 नीति 2023 के तहत
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