
लखनऊ, 20 दिसंबर : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश में चल रही महिला सशक्तिकरण योजनाओं का असर अब गांव-गांव नजर आने लगा है। झांसी जिले के डिगारा गांव की रंजना गौतम की कहानी इसी बदलाव की गवाही देती है। पति की गंभीर दुर्घटना के बाद जिस परिवार के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया था, आज वही परिवार आत्मनिर्भरता की मिसाल बन चुका है।
आज रंजना की मासिक आय करीब 20 हजार रुपए और वार्षिक आय लगभग 2.5 लाख रुपए तक पहुंच चुकी है। वह न केवल अपने परिवार का खर्च चला रही हैं, बल्कि गांव की अन्य महिलाओं को रोजगार देकर उन्हें भी आत्मनिर्भर बना रही हैं। अपनी कमाई से बच्चों की पढ़ाई, घर का खर्च और भविष्य की जरूरतें पूरी कर रही हैं।
डिगारा गांव निवासी 24 वर्षीय रंजना गौतम की जिंदगी उस समय बदल गई, जब विवाह के बाद एक हादसे में उनके पति काम करने में असमर्थ हो गए। परिवार की आय का एकमात्र स्रोत बंद हो गया। विषम परिस्थितियों में रंजना ने हालात से हार मानने के बजाय परिवार की जिम्मेदारी अपने कंधों पर उठाने का निर्णय लिया।
योगी सरकार की योजनाओं और स्वयं सहायता समूह के सहयोग से रंजना ने बैंक से ऋण लेकर हार्डवेयर रिटेल व्यवसाय की शुरुआत की। शुरुआती दौर में घर की जिम्मेदारी, पति की देखभाल और नए व्यवसाय को संभालना आसान नहीं था, लेकिन निरंतर मेहनत और सीखने की इच्छा ने रास्ता आसान किया।
दीपा रंजन उप्र. राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की मिशन निदेशक दीपा रंजन ने बताया कि लखपति दीदियों को आगे बढ़ाकर करोड़पति दीदियां बनाना ही हमारा उद्देश्य है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजन के तहत मिले प्रशिक्षण, मार्केटिंग की समझ और नई तकनीक की जानकारी ने रंजना के व्यवसाय को मजबूती दी है। यह कहानी सिर्फ एक महिला की नहीं, बल्कि उस बदलते ग्रामीण उत्तर प्रदेश की है, जहां महिलाएं अब सहायता की मोहताज नहीं, बल्कि परिवार और समाज की मजबूत आधारशिला बन रही हैं।
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