
उत्तर प्रदेश में उच्च शिक्षा को लेकर एक नई पहल का संकेत मिला है। लखनऊ में उच्च शिक्षा निदेशालय द्वारा आयोजित एक बैठक में राज्य की यूनिवर्सिटियों और कॉलेजों में एक ही प्रवेश परीक्षा के जरिए एडमिशन प्रक्रिया की योजना पर विचार किया गया। बैठक की अध्यक्षता उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने की। इसका उद्देश्य छात्रों को प्रवेश परीक्षाओं के बोझ और अनावश्यक खर्च से राहत देना है।
बैठक में प्रस्ताव रखा गया कि एकल प्रवेश प्रणाली के लिए एक विशेष ऑनलाइन पोर्टल विकसित किया जाएगा। इस पोर्टल के माध्यम से छात्रों को संस्थान आवंटित किए जाएंगे। यह कदम सीयूईटी (कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट) की तर्ज पर होगा, जिससे राज्य की 24 स्टेट यूनिवर्सिटी, 44 प्राइवेट यूनिवर्सिटी, 172 सरकारी कॉलेज, 331 एडेड कॉलेज और 7,372 निजी कॉलेज शामिल होंगे।
राज्य में शिक्षा को और सुलभ बनाने के लिए नोएडा और ग्रेटर नोएडा जैसे क्षेत्रों को एजुकेशन हब के रूप में विकसित किया जा रहा है। वर्तमान में, यहां कई नामी कॉलेज और यूनिवर्सिटी हैं, लेकिन उनकी प्रवेश प्रक्रिया अलग-अलग है। नई प्रणाली से इस समस्या का समाधान होने की उम्मीद है।
अगर यह प्रणाली लागू होती है, तो छात्रों को बार-बार परीक्षा देने और अलग-अलग कॉलेजों की दौड़ लगाने की जरूरत नहीं होगी। इससे ना केवल छात्रों का समय बचेगा, बल्कि प्रवेश प्रक्रिया भी पारदर्शी और सुगम हो जाएगी।
वर्तमान में यूपी में हर कॉलेज और यूनिवर्सिटी अपनी अलग प्रवेश प्रक्रिया अपनाते हैं। इस वजह से छात्रों को अलग-अलग परीक्षाएं देनी पड़ती हैं, जिससे न केवल समय बल्कि आर्थिक बोझ भी बढ़ता है। यह पहल अगर लागू होती है, तो यूपी की उच्च शिक्षा प्रणाली में एक बड़ा बदलाव लाने में सफल होगी। अब देखना यह है कि सरकार इस पर कब और कैसे कार्रवाई करती है।
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