
UP Outsourcing Nigam: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने मंगलवार को कैबिनेट बैठक में एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है। लंबे समय से आउटसोर्सिंग एजेंसियों की अनियमितताओं को लेकर उठ रही शिकायतों के बीच सरकार ने उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम लिमिटेड के गठन को मंजूरी दे दी है। यह निगम न केवल भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी बनाएगा, बल्कि कर्मचारियों को समय पर पूरा मानदेय, पीएफ और ईएसआई का लाभ भी सुनिश्चित करेगा।
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि वर्षों से राज्य के विभिन्न विभागों में कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारियों को एजेंसियों द्वारा पूर्ण मानदेय और सुविधाएँ नहीं मिल पा रही थीं। कई बार ईपीएफ और ईएसआई का अंशदान भी रोक लिया जाता था। इन अनियमितताओं को समाप्त करने और कर्मचारियों को उनका हक दिलाने के लिए निगम का गठन किया गया है।
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नई व्यवस्था में आरक्षण के प्रावधानों के साथ ही महिलाओं को मातृत्व अवकाश और दिव्यांगजन, भूतपूर्व सैनिक, एससी, एसटी, ओबीसी और ईडब्ल्यूएस वर्गों को नियमानुसार आरक्षण मिलेगा। साथ ही कर्मचारियों की कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण और मृत्यु की स्थिति में परिवार को आर्थिक सहायता का भी प्रावधान किया गया है।
योगी सरकार ने नगरीय परिवहन को आधुनिक बनाने के लिए लखनऊ और कानपुर में ई-बसों को नेट कॉस्ट कॉन्ट्रैक्ट मॉडल पर चलाने का फैसला लिया है। यह मॉडल सरकारी बोझ कम करेगा और यात्री सेवाओं की गुणवत्ता बढ़ाएगा।
प्रदेश को ग्लोबल एक्सपोर्ट हब बनाने के लिए नई निर्यात प्रोत्साहन नीति 2025-30 को मंजूरी दी गई। इसमें डिजिटल तकनीक, अवसंरचना और क्षमता निर्माण पर विशेष बल दिया गया है।
कैबिनेट ने शाहजहांपुर में स्वामी शुकदेवानंद विश्वविद्यालय की स्थापना को भी मंजूरी दी है, जिससे उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक नया अध्याय जुड़ जाएगा।
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