UP Alankar Schools: उत्तर प्रदेश में ‘ऑपरेशन कायाकल्प’ और ‘प्रोजेक्ट अलंकार’ ने शिक्षा व्यवस्था की तस्वीर बदल दी है। स्मार्ट क्लास, कंप्यूटर लैब, लाइब्रेरी और आधुनिक सुविधाओं से लैस स्कूल अब बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की नींव बन रहे हैं।
Operation Kayakalp UP: कभी जर्जर भवनों और बुनियादी सुविधाओं के अभाव से जूझ रहे उत्तर प्रदेश के स्कूल आज स्मार्ट क्लास, कंप्यूटर लैब और आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित हो चुके हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर शुरू हुए ‘ऑपरेशन कायाकल्प’ और ‘प्रोजेक्ट अलंकार’ ने प्रदेश के शिक्षा तंत्र को नई पहचान दी है।
ऑपरेशन कायाकल्प: बच्चों को मिली आधुनिक सुविधाएं
2018 में शुरू हुआ ऑपरेशन कायाकल्प आज प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था की रीढ़ बन चुका है। इस अभियान के तहत परिषदीय विद्यालयों को 19 मानकों पर विकसित किया गया और 97 प्रतिशत तक लक्ष्य पूरा किया जा चुका है।
अब हर स्कूल में स्वच्छ पेयजल, बालक-बालिका और दिव्यांग बच्चों के लिए अलग शौचालय, मल्टीपल हैंडवॉश, सुसज्जित कक्षा-कक्ष, रसोईघर, बिजली, सोलर लाइट और फर्नीचर जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं। यही नहीं, रंग-बिरंगी पेंटिंग्स और सुरक्षित बाउंड्री वॉल ने इन विद्यालयों को बच्चों के लिए आकर्षण का केंद्र बना दिया है।
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प्रोजेक्ट अलंकार: जर्जर भवनों से स्मार्ट स्कूल तक
माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा लागू प्रोजेक्ट अलंकार ने हजारों स्कूलों की दशा बदल दी है। 27 मानकों पर 2295 विद्यालयों की मैपिंग करके वहां नई सुविधाएं जोड़ी गईं। अब इन स्कूलों में स्मार्ट क्लास, कंप्यूटर लैब, वाई-फाई, आधुनिक लाइब्रेरी, खेल का मैदान, आर्ट एंड क्राफ्ट कक्ष, ओपन जिम, बैंड और साउंड सिस्टम जैसी व्यवस्थाएं उपलब्ध हैं। वहीं, सीसीटीवी, बायोमेट्रिक मशीन, सोलर पैनल और फायर सेफ्टी सिस्टम ने इन संस्थानों को और सुरक्षित बना दिया है।
2017 से पहले की हालत: बच्चों को नहीं मिलती थीं बुनियादी सुविधाएं
2017 से पहले प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था बदहाल थी। ज्यादातर भवन जर्जर हो चुके थे, न शौचालय थे, न बिजली और न ही फर्नीचर। इस वजह से अभिभावक बच्चों को सरकारी स्कूल भेजने से कतराते थे। लेकिन योगी सरकार की प्राथमिकता शिक्षा रही और इसी कारण ‘ऑपरेशन कायाकल्प’ और ‘प्रोजेक्ट अलंकार’ जैसे कदम उठाए गए।
उत्तर प्रदेश में शिक्षा का नया अध्याय
आज ग्रामीण इलाकों के ये स्कूल केवल सरकारी इमारतें नहीं, बल्कि ग्राम सभा के सबसे सुंदर और सुरक्षित केंद्र बन चुके हैं। बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की मजबूत नींव यहीं से रखी जा रही है। यही कारण है कि ग्रामीण अभिभावकों का भरोसा सरकारी विद्यालयों पर फिर से बढ़ा है। नीति आयोग भी इन बदलावों को देशभर के लिए आदर्श मॉडल मान चुका है।
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