
कभी लंबी दूरी और धीमी ट्रेन कनेक्टिविटी की शिकायत करने वाला पूर्वांचल आज एक नई रेल क्रांति की दहलीज पर खड़ा है। सहजनवा-दोहरीघाट नई रेल लाइन परियोजना की रफ्तार अब युद्धस्तर पर पहुंच चुकी है और इसी मार्ग पर प्रस्तावित 11 नए रेलवे स्टेशन अंतिम रूप लेने की कगार पर हैं। लंबे समय से जनता की प्रतीक्षित यह परियोजना अब हकीकत बनने की ओर बढ़ रही है, जिससे गोरखपुर, वाराणसी, छपरा और प्रयागराज जैसे प्रमुख शहरों का सफर नए और आसान मार्ग से संभव हो जाएगा।
पूर्वोत्तर रेलवे की इस महत्वाकांक्षी परियोजना की कुल लंबाई 81.17 किलोमीटर होगी। इसके लिए 1320 करोड़ रुपये का बजट पहले ही स्वीकृत किया जा चुका है।
सहजनवा–पिपरौली के बीच तिनहरा, बनौडा और बेलवा डाडी में मिट्टी भराई का कार्य जारी है। पुलिया निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और कई अन्य निर्माण कार्य भी प्रगति पर हैं।
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कुल 112 गांवों में 403.29 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित की जानी है, जिसमें से 57.19 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण पूरा हो चुका है। पहले चरण में आवश्यक भूमि अधिग्रहण लगभग पूरा हो चुका है, जबकि शेष चरणों के लिए प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है।रेलवे के स्पेशल प्रोजेक्ट में शामिल होने के बाद अधिग्रहण और निर्माण दोनों की गति में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
नई रेल लाइन पर बनने वाले प्रस्तावित स्टेशन इस प्रकार रहेंगे:
इन स्टेशनों के विकसित हो जाने से दक्षिणांचल के ग्रामीण क्षेत्रों को भी बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी।
परियोजना में सरयू नदी पर 1200 मीटर लंबा विशाल रेलवे पुल बनाया जाएगा, जो इस पूरी लाइन का सबसे महत्वपूर्ण ढांचा होगा।
इसके अलावा शामिल हैं:
कई स्थानों पर निर्माण पहले ही प्रारंभ हो चुका है।
नई रेल लाइन बनने के बाद:
यह परियोजना जनता की लंबे समय से चली आ रही मांग के अनुरूप है, जिसे 17 दिसंबर 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक में मंजूरी मिली थी। अब परियोजना तेजी से आगे बढ़ रही है और पूर्वांचल के लिए एक नया रेल युग शुरू होने वाला है।
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