2025 के पहले छह महीनों में उत्तर प्रदेश में 121 करोड़ से अधिक पर्यटक आए। लखनऊ में हुई “विकसित उत्तर प्रदेश @2047” कार्यशाला में पर्यटन को विकसित यूपी का मुख्य आधार बताते हुए इको-फ्रेंडली, वेलनेस और टूरिस्ट सर्किट आधारित विकास पर चर्चा हुई।
लखनऊ। जनवरी से जून 2025 के बीच उत्तर प्रदेश में 121 करोड़ से अधिक पर्यटक आए। इससे प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी बनाने के लक्ष्य में बड़ी मदद मिल रही है। लखनऊ में योजना भवन में पर्यटन विभाग द्वारा “विकसित उत्तर प्रदेश @2047” के लिए एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई, जिसमें 2047 तक विकसित प्रदेश बनाने का ब्लूप्रिंट तैयार किया गया।
पर्यटन विकास के लिए तैयार हुआ ब्लूप्रिंट
कार्यक्रम में सीएम योगी आदित्यनाथ के सलाहकार अवनीश अवस्थी, प्रमुख सचिव पर्यटन अमृत अभिजात और पर्यटन महानिदेशक राजेश कुमार ने मुख्य वक्ता के रूप में अपने विचार साझा किए। उन्होंने विभागीय नीतियों, निवेश संभावनाओं और प्राथमिकताओं पर विस्तार से चर्चा की।
योजना विभाग, आयुष विभाग, संस्कृति विभाग और राज्य परिवर्तन आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी कार्यशाला में भाग लिया और विभागों के बीच समन्वय पर जोर दिया। नीति आयोग के प्रतिनिधियों और राष्ट्रीय शिक्षण संस्थानों के विशेषज्ञों ने भी अपने सुझाव दिए।
'पर्यटन से ही उत्तर प्रदेश बनेगा विकसित'- अवनीश अवस्थी
सीएम योगी के सलाहकार अवनीश अवस्थी ने कहा कि पर्यटन ही उत्तर प्रदेश को विकसित प्रदेश बना सकता है। उन्होंने बताया कि यूपी घरेलू पर्यटन में पहले और विदेशी पर्यटन में चौथे स्थान पर है। वर्ष 2025 में, जबकि अभी एक महीना बाकी है, पर्यटकों की संख्या रिकॉर्ड स्तर की ओर बढ़ रही है। उन्होंने पर्यटन क्षेत्र के सभी स्टेकहोल्डर्स से मिलकर काम करने की अपील की।
इको-फ्रेंडली टूरिज्म पर जोर
पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने कहा कि 2047 तक यूपी को विकसित प्रदेश बनाने में पर्यटन महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। 2015 में 22 करोड़ और 2024 में 65 करोड़ पर्यटक प्रदेश आए। उन्होंने बताया कि महाकुंभ के पर्यटकों को इसमें शामिल नहीं किया गया है। विभाग इको-फ्रेंडली टूरिज्म पर काम कर रहा है और मथुरा जैसे प्रमुख स्थानों पर म्यूजियम बनाने की तैयारी चल रही है।
योग और वेलनेस टूरिज्म को मिलेगा बढ़ावा
पर्यटन महानिदेशक राजेश कुमार ने बताया कि पर्यटन को बहुआयामी बनाने के लिए 12 टूरिस्ट सर्किट विकसित किए गए हैं। योग और वेलनेस सेंटर भी पर्यटन को नई दिशा दे रहे हैं। तराई क्षेत्र में इको-टूरिज्म की बड़ी संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि एक्सप्रेस-वे, आधुनिक एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन और वंदे भारत कॉरिडोर ने पर्यटकों की आवाजाही को आसान बनाया है।
पर्यटन स्थलों को आधुनिक बनाने पर जोर
कार्यक्रम में विशेष संबोधन देते हुए स्टेट ट्रांसफॉर्मेशन कमीशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मनोज कुमार सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश को इनबाउंड टूरिज्म पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि केरल की तरह वेलनेस टूरिज्म को बढ़ावा दिया जाए और आयुष, योग तथा पंचकर्म आधारित पर्यटन पर विशेष फोकस हो। उन्होंने पर्यटन स्थलों के आसपास सफाई व्यवस्था को सर्वोपरी बताया।
पर्यटन में अपार संभावनाएं और नए टूर पैकेज
प्रमुख सचिव, नियोजन आलोक कुमार ने कहा कि 2047 तक यूपी को विकसित प्रदेश बनाने में नीति आयोग पूरा सहयोग कर रहा है। उन्होंने सोनभद्र के फॉसिल पार्क को पर्यटन मानचित्र पर प्रमुखता से लाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि हमें ऐसे पैकेज बनाने चाहिए, जिनसे पर्यटक कम से कम तीन दिन प्रदेश में रुकें।
UPSTDC के प्रबंध निदेशक आशीष कुमार ने बताया कि वे टूर पैकेजों को लंबी अवधि के प्रवास, सांस्कृतिक गतिविधियों और बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर के अनुसार पुनः डिज़ाइन कर रहे हैं।
ईको-टूरिज्म निदेशक पुष्प कुमार ने वेटलैंड पुनर्स्थापना, वाइल्डलाइफ कॉरिडोर और प्रकृति आधारित पर्यटन मॉडल पर राज्य की प्राथमिकताओं को साझा किया। उन्होंने दुधवा, पीलीभीत और कतर्नियाघाट को मॉडल साइट बताया।


