Medanta Super Specialty Hospital Noida: नोएडा में सीएम योगी आदित्यनाथ ने मेदांता सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल का उद्घाटन किया। उन्होंने हॉस्पिटल की सेवा, रोजगार और तकनीकी स्वास्थ्य सुविधाओं की सराहना की और पूर्वी यूपी में नए केंद्र की आवश्यकता बताई।

नोएडा, 27 नवंबर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को नोएडा में मेदांता सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल का उद्घाटन किया। सीएम ने अस्पताल की व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया और इसे क्वालिटी हेल्थ सर्विसेज का बेहतरीन केंद्र बताया। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल नहीं है, बल्कि यह यूपी में रोजगार और बड़े निवेश का स्रोत भी है। सीएम ने मेदांता की प्रशंसा करते हुए कहा कि नाम ही काफी है और सही दिशा में मेहनत करने से अच्छे परिणाम मिलते हैं। उन्होंने कहा कि मेदांता देश में एक भरोसेमंद ब्रांड बन गया है।

लखनऊ में भी मेदांता ने बनाई पहचान

सीएम योगी ने बताया कि गुड़गांव के बाद लखनऊ में मेदांता शुरू होने पर कई लोगों को शक था, लेकिन मेदांता ने बेहतरीन सेवा से यहां भी अपनी पहचान बनाई। कोविड के दौरान यह अस्पताल यूपी वासियों के लिए काफी मददगार साबित हुआ। सीएम ने कहा कि पश्चिम यूपी में लंबे समय से बेहतर अस्पताल की मांग थी और यहां की सेवाओं की प्रशंसा की।

गरीबों के लिए स्वास्थ्य सेवा आसान हुई

सीएम ने बताया कि 8-10 साल पहले गरीबों के लिए गंभीर बीमारियों जैसे किडनी, कैंसर, लीवर सिरोसिस और बाईपास सर्जरी का इलाज कठिन था। लोग जमीन बेचकर या जेवर गिरवी रखकर इलाज करवाते थे। पिछले 6-7 वर्षों में, प्रधानमंत्री जनआरोग्य योजना और आयुष्मान भारत योजना के तहत देश में 50 करोड़ लोगों को सालाना पांच लाख रुपये तक की मुफ्त स्वास्थ्य सेवा दी जा रही है। यूपी सरकार ने इसके दायरे को और बढ़ाया और जरूरतमंदों को भी जोड़ा।

मुख्यमंत्री राहत कोष से 1300 करोड़ रुपये स्वास्थ्य सेवा में

सीएम योगी ने कहा कि मुख्यमंत्री राहत कोष से एक साल में 1300 करोड़ रुपये गरीबों के स्वास्थ्य सेवा के लिए उपलब्ध कराए गए। इसका उद्देश्य है कि गरीब भी बेहतर स्वास्थ्य सुविधा का हकदार हो।

यूपी में स्वास्थ्य क्षेत्र में 8 साल में बड़ी प्रगति

सीएम ने बताया कि यूपी ने पिछले 8 साल में स्वास्थ्य सेवा में बेहतर कदम उठाए हैं। पहले यूपी को “वन डिस्ट्रिक्ट, वन माफिया” के लिए जाना जाता था। अब हर जिले में मेडिकल कॉलेज और अच्छे अस्पतालों की सुविधा सुनिश्चित की जा रही है। उन्होंने कहा कि हॉस्पिटल बनाने के नियम आसान किए गए, जैसे सड़क की चौड़ाई 18 मीटर से घटाकर 7 मीटर कर दी गई। इसका परिणाम यह है कि बड़े पैमाने पर लोग अब यूपी में स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए आ रहे हैं।

तकनीक और AI का उपयोग करके बेहतर स्वास्थ्य सेवा

सीएम ने बताया कि आज 10 करोड़ लोग आयुष्मान भारत और मुख्यमंत्री जनआरोग्य योजना के जरिए स्वास्थ्य सुविधाओं से जुड़े हैं। IIT कानपुर के साथ मिलकर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (मेडटेक) बनाया गया है। सीएम ने कहा कि तकनीक और एआई का उपयोग करके आम जनता को बेहतर सेवाएं दी जा सकती हैं। एक छत के नीचे सारी सुविधाएं मिलना बड़ी बात है।

डॉक्टर पर मरीज का विश्वास और संस्मरण

सीएम योगी ने साझा किया कि मरीजों का डॉक्टर पर बड़ा विश्वास होता है। उन्होंने अपने गुरु की कहानी सुनाई, जो 94 वर्ष के थे और स्वास्थ्य समस्याओं के बावजूद अस्पताल जाने से हिचकिचाते थे। डॉक्टर की सलाह से उनका इलाज संभव हुआ और वे स्वस्थ हुए।

दूरदराज के क्षेत्रों में तकनीकी स्वास्थ्य सेवा

सीएम ने बताया कि कोविड के समय हब एंड स्पोक मॉडल पर वर्चुअल ICU शुरू किया गया था। अब SGPGI लखनऊ और मेदांता लखनऊ ने इसे दूरदराज के क्षेत्रों में लागू किया है। उन्होंने कहा कि सर्दी-जुकाम या वायरल फीवर जैसे मामूली मामलों में टेली-कंसल्टेशन की सुविधा देकर खर्च कम किया जा सकता है।

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इंसेफेलाइटिस पर नियंत्रण और पूर्वी यूपी का केंद्र

सीएम योगी ने पूर्वी यूपी में इंसेफेलाइटिस के पुराने संकट का जिक्र किया। 1977 से 2017 तक बरसात में 1200-1500 बच्चों की मौत होती थी। उन्होंने कहा कि 2017 में मुख्यमंत्री बनने के बाद विशेष अभियान चला कर महज दो साल में इस बीमारी पर नियंत्रण पाया गया। सीएम ने कहा कि डॉक्टरों के हाथ और जुबान में ईश्वर ने शक्ति दी है, जिससे वे मरीजों को बचा सकते हैं। उन्होंने मेदांता से आग्रह किया कि पूर्वी यूपी में नए केंद्र स्थापित करें, ताकि गोरखपुर, वाराणसी, नार्थ-वेस्ट बिहार और नेपाल तक बेहतर स्वास्थ्य सेवा पहुंच सके।

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मेदांता का नेतृत्व और स्वागत

मेदांता के चेयरमैन व मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. नरेश त्रेहन ने सीएम योगी का स्वागत किया। इस अवसर पर नोएडा के प्रभारी मंत्री ब्रजेश सिंह, विधायक पंकज सिंह, और मेदांता के CEO पंकज साहनी भी उपस्थित रहे।