
लखनऊ। मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्री नवदीप रिणवा ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग ने विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण (Special Intensive Revision- SIR) के दूसरे चरण में देश के 12 राज्यों, जिनमें उत्तर प्रदेश भी शामिल है, में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण का निर्णय लिया है। यह प्रक्रिया आयोग के दिशा-निर्देशों और तय समय-सारणी के अनुसार आयोजित की जाएगी। इस विशेष पुनरीक्षण का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हर पात्र नागरिक का नाम मतदाता सूची में सम्मिलित हो और कोई भी पात्र मतदाता छूट न जाए।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि प्रदेश में आखिरी बार विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण वर्ष 2003 में किया गया था। लगभग 22 वर्षों बाद भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार अब फिर से यह प्रक्रिया शुरू की जा रही है। उत्तर प्रदेश में यह पुनरीक्षण कार्य 28 अक्टूबर 2025 (मंगलवार) से शुरू होगा। इसका लक्ष्य मतदाता सूची को अधिक शुद्ध, सटीक और समावेशी बनाना है।
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी कार्यक्रम के अनुसार:
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि राज्य स्तर पर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। सभी जिला निर्वाचन अधिकारी (DEO), निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ERO), सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (AERO) और बूथ लेवल अधिकारी (BLO) को आवश्यक प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
उन्होंने कहा कि आयोग ने यह भी निर्देश दिया है कि किसी भी मतदान केंद्र पर 1,200 से अधिक मतदाता नहीं होने चाहिए। इसके लिए मतदेय स्थलों के सत्यापन और पुनर्संरचना (Rationalization) की प्रक्रिया भी इसी अवधि में पूरी की जाएगी।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश में लगभग 15.44 करोड़ मतदाता पंजीकृत हैं। राज्य में 1,62,486 मतदेय स्थल, 75 जिला निर्वाचन अधिकारी, 403 निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी, 2,042 सहायक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी और 1,62,486 बूथ लेवल अधिकारी कार्यरत हैं, जो इस पुनरीक्षण कार्य में सक्रिय रूप से भाग लेंगे।
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