22 साल बाद फिर होगा SIR, उत्तर प्रदेश में 28 अक्टूबर से शुरू होगी मतदाता सूची सुधार प्रक्रिया

Published : Oct 28, 2025, 09:52 AM IST
up special intensive revision sir 2025

सार

22 साल बाद उत्तर प्रदेश में विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण (SIR) शुरू होगा। 28 अक्टूबर से प्रक्रिया प्रारंभ होगी और 7 फरवरी 2026 को अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित होगी। उद्देश्य—हर पात्र नागरिक को मतदाता सूची में शामिल करना।

लखनऊ। मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्री नवदीप रिणवा ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग ने विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण (Special Intensive Revision- SIR) के दूसरे चरण में देश के 12 राज्यों, जिनमें उत्तर प्रदेश भी शामिल है, में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण का निर्णय लिया है। यह प्रक्रिया आयोग के दिशा-निर्देशों और तय समय-सारणी के अनुसार आयोजित की जाएगी। इस विशेष पुनरीक्षण का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हर पात्र नागरिक का नाम मतदाता सूची में सम्मिलित हो और कोई भी पात्र मतदाता छूट न जाए।

2003 के बाद पहली बार प्रदेश में होगा SIR

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि प्रदेश में आखिरी बार विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण वर्ष 2003 में किया गया था। लगभग 22 वर्षों बाद भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार अब फिर से यह प्रक्रिया शुरू की जा रही है। उत्तर प्रदेश में यह पुनरीक्षण कार्य 28 अक्टूबर 2025 (मंगलवार) से शुरू होगा। इसका लक्ष्य मतदाता सूची को अधिक शुद्ध, सटीक और समावेशी बनाना है।

SIR की विस्तृत समय-सारणी और प्रक्रिया

भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी कार्यक्रम के अनुसार:

  • 28 अक्टूबर से 3 नवंबर 2025: तैयारी, प्रशिक्षण और गणना प्रपत्रों का मुद्रण।
  • 4 नवंबर से 4 दिसंबर 2025: बूथ लेवल अधिकारी (BLO) घर-घर जाकर मतदाताओं को प्रपत्र देंगे और उन्हें भरवाकर वापस लेंगे।
  • 9 दिसंबर 2025: प्रारूप (ड्राफ्ट) मतदाता सूची का प्रकाशन।
  • 9 दिसंबर 2025 से 8 जनवरी 2026: दावे और आपत्तियां दाखिल करने की अवधि।
  • 9 दिसंबर 2025 से 31 जनवरी 2026: दावों और आपत्तियों की सुनवाई, सत्यापन और निस्तारण।
  • 7 फरवरी 2026: अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन।

सभी जिलों में तैयारियां पूरी, अधिकारियों को मिला प्रशिक्षण

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि राज्य स्तर पर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। सभी जिला निर्वाचन अधिकारी (DEO), निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ERO), सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (AERO) और बूथ लेवल अधिकारी (BLO) को आवश्यक प्रशिक्षण दिया जा चुका है।

उन्होंने कहा कि आयोग ने यह भी निर्देश दिया है कि किसी भी मतदान केंद्र पर 1,200 से अधिक मतदाता नहीं होने चाहिए। इसके लिए मतदेय स्थलों के सत्यापन और पुनर्संरचना (Rationalization) की प्रक्रिया भी इसी अवधि में पूरी की जाएगी।

उत्तर प्रदेश में 15.44 करोड़ मतदाता और 1.62 लाख मतदान केंद्र

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश में लगभग 15.44 करोड़ मतदाता पंजीकृत हैं। राज्य में 1,62,486 मतदेय स्थल, 75 जिला निर्वाचन अधिकारी, 403 निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी, 2,042 सहायक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी और 1,62,486 बूथ लेवल अधिकारी कार्यरत हैं, जो इस पुनरीक्षण कार्य में सक्रिय रूप से भाग लेंगे।

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