
UP Sugamya Trade Bill 2025: उत्तर प्रदेश में औद्योगिक और श्रम सुधारों का नया अध्याय शुरू होने वाला है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर ‘सुगम्य व्यापार (प्राविधानों का संशोधन) विधेयक, 2025’ को जल्द ही पेश किया जाएगा। इस विधेयक के तहत राज्य के 13 प्रमुख अधिनियमों के लगभग 99% आपराधिक प्रावधान समाप्त किए जाएंगे। सवाल यह उठता है कि क्या यह कदम यूपी को देश का पहला राज्य बना देगा, जहां इतने बड़े पैमाने पर कानूनों को गैर-आपराधिक श्रेणी में बदला जाएगा?
विधेयक में अब जहां पहले कारावास की सजा का प्रावधान था, वहाँ आर्थिक दंड और प्रशासनिक कार्रवाई को प्राथमिकता दी जाएगी। इसका उद्देश्य उद्योगपतियों और श्रमिकों दोनों के लिए न्यायसंगत, पारदर्शी और व्यावहारिक वातावरण बनाना है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि अनावश्यक दंडात्मक प्रावधान हटाकर नई प्रणाली लागू की जाएगी।
इस विधेयक के तहत आबकारी अधिनियम, शीरा अधिनियम, वृक्ष संरक्षण अधिनियम, राजस्व संहिता, गन्ना अधिनियम, भूगर्भ जल अधिनियम, नगर निगम अधिनियम, प्लास्टिक कचरा अधिनियम, सिनेमा अधिनियम और क्षेत्र व जिला पंचायत अधिनियम जैसे कई कानूनों को अधिक व्यावहारिक स्वरूप दिया जाएगा।
बैठक में फैक्ट्री लाइसेंस अवधि बढ़ाने, दुकानों और प्रतिष्ठानों के नियमों में व्यावहारिक बदलाव करने और महिलाओं को अधिक अवसर प्रदान करने पर भी चर्चा हुई। निरीक्षण व्यवस्था में पारदर्शिता लाने के लिए स्व-सत्यापन और थर्ड पार्टी ऑडिट की व्यवस्था लागू की जाएगी। ऐसे कदम उद्योगों का बोझ कम करेंगे और श्रमिकों का हित सुरक्षित बनाएंगे।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि निवेश मित्र 3.0 पोर्टल के तहत आवेदन और अनुमोदन पूरी तरह डिजिटल होंगे। इसमें कॉमन एप्लिकेशन फॉर्म, पैन-आधारित पहचान, स्मार्ट डैशबोर्ड, बहुभाषी सहायता और एआई चैटबॉट जैसी सुविधाएँ होंगी। सवाल यह है कि क्या यह कदम ईज़ ऑफ़ डूइंग बिजनेस को नई दिशा देगा और निवेशकों की समस्याओं का त्वरित समाधान करेगा?
इस पहल से उत्तर प्रदेश न केवल औद्योगिक विकास को बढ़ावा देगा, बल्कि श्रमिकों की सुरक्षा और सुविधा भी सुनिश्चित करेगा। 14 विभागों से ली गई राय और सुझावों के आधार पर विधेयक को उद्योग और श्रमिक दोनों के हितों में संतुलित बनाने की कोशिश की जा रही है।
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