
लखनऊ। प्रदेश में शीत ऋतु के दौरान कोहरा और खराब मौसम के कारण, विशेष रूप से रात के समय विजिबिलिटी कम हो जाती है। इससे सड़क दुर्घटनाओं की आशंका बढ़ जाती है। इसी को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग ने सड़क सुरक्षा को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
यूपी परिवहन विभाग ने निर्देश जारी किए हैं कि शीत ऋतु में प्रदेश के सभी व्यावसायिक वाहनों पर रेट्रो रिफ्लेक्टिव टेप लगाना अनिवार्य होगा। रेट्रो रिफ्लेक्टिव टेप की मदद से अंधेरे, कोहरे या खराब मौसम में भी वाहन दूर से आसानी से दिखाई दे सकेंगे, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना कम होगी।
यह निर्देश केंद्रीय मोटरयान नियमावली, 1989 के तहत लागू किया गया है। विभाग ने सभी क्षेत्रीय परिवहन अधिकारियों (RTO/ARTO) को मानक के अनुरूप रेट्रो रिफ्लेक्टिव टेप लगाने के नियमों का पालन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए हैं।
विशेष रूप से गन्ना मिलों, मंडी समितियों और अन्य व्यावसायिक स्थलों पर चलने वाले ट्रेलर-ट्रॉलियों और भारी वाहनों पर इस नियम के पालन को लेकर विशेष निगरानी की जा रही है। परिवहन विभाग द्वारा प्रदेशभर में जागरूकता अभियान और जांच अभियान के साथ प्रवर्तन कार्रवाई भी की जा रही है।
अधिकारियों के अनुसार, रेट्रो रिफ्लेक्टिव टेप लगाने से कोहरे की स्थिति में भी भारी वाहनों की पहचान आसान हो जाती है। इससे पीछे से आने वाले वाहनों को समय रहते संकेत मिल जाता है और टक्कर की आशंका कम होती है।
परिवहन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि रेट्रो रिफ्लेक्टिव टेप से न केवल वाहन चालकों की सुरक्षा बढ़ेगी, बल्कि सड़क पर चलने वाले अन्य यात्रियों और पैदल राहगीरों की जान की भी सुरक्षा होगी।
परिवहन विभाग ने सभी व्यावसायिक वाहन स्वामियों और ट्रांसपोर्ट कंपनियों से अपील की है कि वे अपने वाहनों पर मानक के अनुरूप रेट्रो रिफ्लेक्टिव टेप अवश्य लगवाएं। इससे शीत ऋतु के दौरान सड़क दुर्घटनाओं को न्यूनतम करने में मदद मिलेगी और सड़क सुरक्षा को मजबूती मिलेगी।
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