UP Viral Video: ऐसा क्या हुआ कि सहारनपुर के कलेक्टर खुद रोड पर खड़े होकर रोटियां सेंकने लगे?

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के कलेक्टर डॉ. दिनेश चंद्र का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है, जिसमें वो कांवड़ियों के लिए खुद रोटियां सेंकते दिख रहे हैं। सावन में कांवड़ यात्रा निकाली जा रही है।

Amitabh Budholiya | Published : Jul 8, 2023 5:28 AM IST / Updated: Jul 08 2023, 11:09 AM IST

सहारनपुर. उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के कलेक्टर डॉ. दिनेश चंद्र का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है, जिसमें वो कांवड़ियों के लिए खुद रोटियां सेंकते दिख रहे हैं। सावन में कांवड़ यात्रा निकाली जा रही है। कावंड़ियों की सेवा और सत्कार के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार पहले भी सुर्खियों में रही है। सहारनपुर के डीएम ने वायरल वीडियो के बाद मीडिया से कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि कांवड़ियों की सेवा करने का मौका मिला।

उत्तर प्रदेश में कावंड़ यात्रा और सहारनपुर के कलेक्टर का वायरल वीडियो

सहारनपुर के डीएम डॉ. दिनेश चंद्र ने मीडिया से कहा कि यह उनका सौभाग्य रहा कि कांवड़ शिविर में उन्हें शिवभक्तों की सेवा करन का मौका मिला। डीएम ने कहा कि लोगों को भी सावन के महीने में कांवड़ शिविरों में जाकर कांवड़ियों की मदद करनी चाहिए। क्योंकि ये देश की सबसे लंबी यात्रा में एक है। सहारनपुर के डीएम पहले भी अपने इसी अंदाज के कारण सुर्खियों में रहते हैं। किसान सम्मान राशि का चेक एक बुजुर्ग किसान को देने वे खुद गए थे।

बता दें कि 4 जून से कांवड़ यात्रा की शुरुआत हुई है। सावन के महीने में भगवान शिव के भक्त कांवड़ में हरिद्वार की पौड़ी से जल भरकर अपने-अपने क्षेत्र के मंदिरों की ओर जाते हैं। वहां जलाभिषेक होता है।

हरियाणा बॉर्डर से लेकर उत्तराखंड के बॉर्डर तक सहारनपुर के डीएम डॉ. दिनेश चंद्र खुद व्यवस्थाएं संभाल रहे हैं। वे देहरादून रोड स्थित एक कांवड़ यात्रा कैम्प में पहुंचे थे। वीडियो उनके साथ एडीएम रजनीश मिश्रा भी दिख रहे हैं। डीएम ने मीडिया से कहा कि यह आस्था का मामला है। उन्होंने बताया कि इस बार पॉलिथीन का प्रयोग बैन है। इसलिए स्टील के बर्तनों में कांवड़ियों को भोजन परोसा जा रहा है।

क्या है कांवड़ यात्रा?

भगवान शिव के ज्योतिर्लिंग पर गंगा जल चढ़ाने की एक हिंदू परंपरा को कांवड़ यात्रा कहते हैं। इसके तहत किसी पवित्र स्थान से जल लाकर उसे कांवड़ में भरकर कंधे पर टांगकर भगवान शिव को अर्पित किया जाता है। कहते हैं कि कांवड़ यात्रियों को अश्वमेघ यज्ञ के बराबर पुण्य मिलता है।

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