
लखनऊ। उत्तर प्रदेश को वर्ष 2047 तक एक विकसित राज्य बनाने के संकल्प को मजबूत करने के लिए समाज कल्याण विभाग ने बुधवार को गोमतीनगर स्थित भागीदारी भवन में स्टेकहोल्डर वर्कशॉप आयोजित की। यह कार्यक्रम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत 2047 और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समावेशी एवं सक्षम उत्तर प्रदेश के लक्ष्य को आगे बढ़ाने की दिशा में एक अहम पहल साबित हुआ। वर्कशॉप में प्रदेश के 9 विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया और भविष्य की नीतियों व योजनाओं के लिए महत्वपूर्ण सुझाव प्रस्तुत किए।
इस कार्यशाला का उद्देश्य सशक्त समाज, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, तकनीकी प्रगति, महिला सशक्तिकरण, और सतत विकास के लिए आवश्यक नीतिगत बदलावों पर चर्चा करना था। सभी हितधारकों के सुझावों ने प्रदेश के दीर्घकालिक विकास एजेंडा को नई दिशा दी।
समाज कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव एल. वेंकटेश्वर लू ने कहा कि विजन 2047 केवल दस्तावेज नहीं, बल्कि समाज केंद्रित परिवर्तन का संकल्प है। लक्ष्य है कि महिलाएं, दिव्यांगजन, वरिष्ठ नागरिक, बच्चे, अल्पसंख्यक, ट्रांसजेंडर समुदाय- सभी वर्गों तक लाभ तेज गति और समानता के साथ पहुंचे।
कार्यशाला में बताया गया कि उत्तर प्रदेश की 25 करोड़ आबादी में लगभग 75 लाख दिव्यांगजन हैं। 2047 के विजन में दिव्यांगजनों के लिए नौकरी के अवसर, उद्योग स्थापना के लिए ऋण, समग्र विकास की नई रणनीति को प्राथमिकता दी जाएगी। उनकी उन्नति को विकसित उत्तर प्रदेश की प्रमुख धुरी माना गया।
अनुसूचित जाति, जनजाति, ओबीसी और अल्पसंख्यक समुदाय को शिक्षा और विकास की मुख्यधारा से जोड़ना राज्य के विकास की अनिवार्य शर्त बताया गया। प्रदेश में 3 करोड़ वृद्धजन हैं। उनके लिए सेवा साथी ऐप के माध्यम से रोजगार के अवसर, स्वावलंबन की योजनाएँ, सामाजिक सुरक्षा और वृद्ध आवास का विकास जैसी योजनाओं पर चर्चा हुई।
युवा प्रदेश की शक्ति हैं। सरकार का लक्ष्य है कि युवाओं को बड़े पैमाने पर रोजगार उपलब्ध कराया जाए। साथ ही, वे बच्चे जो विकास की दौड़ में पीछे हैं, उन्हें आर्थिक और सामाजिक समर्थन देकर मुख्य धारा में लाया जाएगा।
विजन विकसित उत्तर प्रदेश @47 में महिलाओं के लिए विशेष योजनाएँ शामिल हैं। मुख्य प्रस्ताव:
महिला और बाल विकास विभाग की प्रमुख सचिव लीना जौहरी ने कहा कि सही विकास तभी होगा जब योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन हो। उन्होंने बताया:
पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव सुभाष चंद्र शर्मा ने कहा कि 2047 की जनसंख्या और जरूरतों को देखते हुए एक दीर्घकालिक इंफ्रास्ट्रक्चर प्लान तैयार किया जाना चाहिए। भारत की विविधता को ध्यान में रखते हुए योजनाएं बनानी होंगी।
युवा कल्याण एवं खेल विभाग के सचिव सुहास एल.वाई. ने कहा कि सरकार की भूमिका ऑक्सीजन की तरह होनी चाहिए, यानी विकास को गति देने वाली। मुख्य सुझाव:
प्रस्तुति में कई नवाचार-आधारित प्रस्ताव शामिल किए गए:
कार्यशाला में समाज कल्याण, महिला एवं बाल विकास, अल्पसंख्यक कल्याण, पिछड़ा वर्ग कल्याण, युवा कल्याण, खेल, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति समेत कुल 9 विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे। प्रतिभागियों में समाज कल्याण निदेशक कुमार प्रशांत, संयुक्त सचिव के.एस. रेजिमों, लीना जौहरी, सुहास एल.वाई., रणवीर प्रसाद सहित कई विशेषज्ञ शामिल थे।
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