
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनावों की दिशा में अहम कदम के रूप में SIR (Special Intensive Revision) प्रक्रिया आज 4 नवंबर से शुरू हो गई है। यह अभियान एक महीने तक यानी 4 दिसंबर 2025 तक चलेगा। इस दौरान बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) घर-घर जाकर मतदाताओं की जानकारी सत्यापित करेंगे और दो प्रतियों में गणना प्रपत्र (Enumeration Form) वितरित करेंगे।
राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार, इस अभियान के तहत बीएलओ करीब 15.44 करोड़ मतदाताओं के घर पहुंचेंगे। प्रत्येक मतदाता को दो प्रतियों में गणना फॉर्म दिया जाएगा, एक प्रति मतदाता के पास रहेगी और दूसरी पर हस्ताक्षर कर बीएलओ अपने पास रखेंगे।यदि किसी मतदाता से पहली बार संपर्क नहीं हो पाता, तो बीएलओ को कम से कम तीन बार घर जाकर संपर्क करने का प्रयास करना होगा।
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गणना प्रपत्र में मतदाता का नाम, एपिक नंबर (EPIC), भाग संख्या, क्रम संख्या, विधानसभा क्षेत्र का नाम और राज्य की प्रविष्टियाँ पहले से ही भरी रहेंगी। इतना ही नहीं, मतदाता की फोटो भी पहले से छपी होगी। यदि फोटो पुरानी है, तो मतदाता अपने नवीनतम पासपोर्ट साइज फोटो को फॉर्म पर चिपका सकते हैं।
राज्य निर्वाचन आयोग ने यह भी बताया कि मतदाता अपनी जानकारी या अपने परिजनों के नाम को voters.eci.gov.in पोर्टल पर जाकर भी देख सकते हैं। यह सुविधा 2003 से अब तक की मतदाता सूची के लिए उपलब्ध है। साथ ही, जो मतदाता किसी त्रुटि या नाम परिवर्तन के लिए आवेदन करना चाहते हैं, वे पोर्टल या निकटतम निर्वाचन कार्यालय में जाकर सुधार करा सकते हैं।
निर्वाचन विभाग के अनुसार, इस अभियान के दौरान बीएलओ मतदाताओं को फर्जी वोटिंग रोकने, नए वोटरों को जोड़ने और मृत या स्थानांतरित मतदाताओं के नाम हटाने के लिए भी जागरूक करेंगे। प्रदेश के सभी जिलों में इस प्रक्रिया की निगरानी के लिए जिला निर्वाचन अधिकारी (DM) और उप निर्वाचन अधिकारी को विशेष निर्देश दिए गए हैं।
अधिकारियों का कहना है कि इस प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य राज्य की मतदाता सूची को पारदर्शी और अद्यतन बनाना है, ताकि आने वाले चुनावों में हर पात्र नागरिक को वोट देने का अधिकार मिल सके। राज्य निर्वाचन आयोग ने मतदाताओं से अपील की है कि वे बीएलओ को सही जानकारी दें और फॉर्म भरने में पूरी सहयोग करें, ताकि आगामी चुनावों में किसी भी मतदाता को परेशानी न हो।
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