
Uttar Pradesh Flood News: उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ का संकट गहराता जा रहा है। पहाड़ी नदियों के उफान और लगातार बारिश ने 17 जिलों को अपनी चपेट में ले लिया है। लेकिन इन मुश्किल हालात में सरकार का रवैया सिर्फ प्रशासनिक नहीं, बल्कि संवेदनशील और मानवीय नजर आ रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद मोर्चा संभाला है और निर्देश दिए हैं कि हर मंत्री अपने प्रभार के जिलों में जाकर राहत कार्यों की निगरानी करें और पीड़ितों के बीच मौजूद रहें।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हालिया समीक्षा बैठक में कहा, “यह समय सतर्कता, संवेदनशीलता और सेवा का है।” उनके निर्देश के बाद प्रदेश के मंत्री ग्राउंड जीरो पर उतर गए हैं और न सिर्फ हालात का निरीक्षण कर रहे हैं, बल्कि खुद राहत सामग्री पहुंचा रहे हैं। सरकार की कोशिश है कि हर जरूरतमंद तक मदद समय से पहुंचे और किसी को भी उपेक्षित महसूस न हो।
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कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने जालौन और हमीरपुर जिलों का दौरा कर राहत शिविरों का निरीक्षण किया। उन्होंने पीड़ितों से सीधे संवाद कर उनकी ज़रूरतें जानीं और अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि राहत कार्यों में किसी तरह की कोताही न हो। खासतौर पर साफ-सफाई, पीने के पानी, भोजन और चिकित्सा सुविधाओं पर विशेष ध्यान देने को कहा गया।
कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता 'नंदी' ने प्रयागराज के बाढ़ग्रस्त इलाकों का मोटरबोट से भ्रमण किया। उन्होंने राहत शिविर में ज़रूरी सामग्री वितरित की और अधिकारियों से कहा कि कोई भी व्यक्ति राहत से वंचित न रहे। मंत्री ने यह भी सुनिश्चित किया कि बचाव कार्यों में किसी प्रकार की देरी न हो।
राज्यमंत्री धर्मवीर प्रजापति ने इटावा में जलमग्न गांवों तक नाव से जाकर पीड़ितों से संवाद किया और उन्हें भरोसा दिलाया कि सरकार उनके साथ खड़ी है। वहीं बलिया में दयाशंकर मिश्र 'दयालु' ने गंगा तटवर्ती इलाकों में मोटरबोट से दौरा कर राहत कार्यों की निगरानी की। दोनों मंत्रियों ने अधिकारियों को पारदर्शिता और समयबद्धता के साथ राहत पहुंचाने के निर्देश दिए।
वहीं पूर्व मंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी ने वाराणसी में नाव से बाढ़ग्रस्त कॉलोनियों में जाकर स्वयं राहत सामग्री पहुंचाई। वहीं, राज्य मंत्री संजय गंगवार ने जालौन के राहत शिविरों का निरीक्षण किया और अधिकारियों से कहा कि चिकित्सा टीमें सतर्क रहें और जलजनित बीमारियों से बचाव की व्यवस्था चाकचौबंद हो।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार बाढ़ प्रभावित जिलों की स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं। उनका स्पष्ट निर्देश है कि राहत कार्यों में देरी नहीं होनी चाहिए और यह पारदर्शी और मानवीय तरीके से संचालित किए जाएं। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और पीएसी की टीमें फील्ड में सक्रिय हैं और स्थानीय प्रशासन चौबीसों घंटे राहत व बचाव कार्यों में जुटा हुआ है।
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