
लखनऊ। केंद्र की ओर से मदरसा आधुनिकीकरण योजना के तहत अतिरिक्त राज्यों को भुगतान बंद करने का आदेश दिया गया है। राज्य मदरसा शिक्षा परिषद के अध्यक्ष इफ्तिखान अहमद जावेज ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर योजना को फिर से शुरू करने की मांग की है। केंद्र की ओर से धनराशि देना बंद करने के बाद इस योजना के तहत शिक्षकों को राज्य की ओर से भी अंशदान देने पर रोक लगा दी गई है। हालांकि अल्प संख्यक कल्याण राज्य मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने राज्यांशों पर रोक लगाने की बात से इनकार किया है। सभी लंबित अंशदान का भुगतान किया जाएगा।
केंद्र ने 6 साल से भुगतान नहीं किया
मदरसा बोर्ड अध्यक्ष जावेद ने पीएम मोदी को लिखे पत्र में बताया है कि राज्यों को मदरसों के आधुनिकीकऱण के लिए 60 फीसदी राशि केंद्र और 40 फीसदी राशि राज्य सरकार देती है। पिछले 6 साल से केंद्र की ओऱ से मदरसा बोर्ड को वह 60 फीसदी राशि नहीं दी गई है। इसके साथ ही अब राज्यों ने भी इस योजना के तहत मदरसा बोर्ड को धनराशि नहीं देने की घोषणा की है। सरकार ने पांच साल की इस योजना में कई घरों में
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योजना की अवधि बढ़ाने की मांग
जावेद ने पत्र में लिखा है कि केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के आदेश में कहा गया है कि यह योजना 2021-2022 तक के लिए ही मान्य है। ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी से मांग है कि यदि इस योजना को कुछ और सालों के लिए बढ़ाया जाए तो मदरसा में पढ़ने वाले बच्चों को अच्छी तालीम मिल सकेगी। वह धर्म के साथ आधुिनक उपकरणों के साथ भी अपडेट हो सकेंगे।
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