
SIR in Uttar Pradesh: वोटर्स के लिहाज से देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में विशेष गहन पुनरीक्षण यानी SIR के बाद वोटर लिस्ट से 2.89 करोड़ वोटर्स के नाम कटे हैं। बता दें कि यूपी की वोटर लिस्ट में अभी तक 15.44 करोड़ नाम थे लेकिन अब इसमें करीब 3 करोड़ वोटर्स के नाम काटे जाएंगे। जिन 2.89 करोड़ मतदाताओं के नाम काटे जाएंगे, उनमें 1.26 करोड़ वोटर्स अपनी जगहों पर नहीं मिले। इसके अलावा 46 लाख मृत पाए गए, जबकि 23.70 लाख वोटर्स डुप्लिकेट मिले। वहीं 83.73 लाख लोग अनुपस्थित मिले, जबकि 9.57 लाख अन्य कैटेगरी के वोटर्स हैं।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा के मुताबिक, 31 दिसंबर को ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी की जाएगी। इसके पब्लिश होने के बाद से लेकर 30 जनवरी, 2026 तक दावें-आपत्तियां स्वीकार किए जाएंगे। सभी जांच-पड़ताल के बाद 28 फरवरी 2026 को फाइनल वोटर लिस्ट जारी कर दी जाएगी।
चुनाव आयोग के मुताबिक, यूपी में मैपिंग का काम भी पूरा कर लिया गया है। यानी साल 2003 की वोटर लिस्ट से वर्तमान वोटर लिस्ट का मिलान किया गया, जिसमें लगभग 91% लोगों का डेटा मिलान हो चुका है। ऐसे वोटर्स के नाम उनके रिलेटिव्स जैसे मां-बाप, दादा-दादी या नाना-नानी से मिलाया गया है। बाकी 9% यानी 1.11 करोड़ वोटर्स को चुनाव आयोग की तरफ से नोटिस भेजा जाएगा। यानी अब इन मतदाताओं को अपनी पहचान साबित करने के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट चुनाव आयोग को देने होंगे।
उत्तर प्रदेश में फिलहाल 11 लाख से ज्यादा लोग वोटर लिस्ट में अपना नाम दर्ज कराने के लिए फॉर्म भर चुके हैं। जिन लोगों की उम्र 1 जनवरी 2026 को 18 साल पूरी हो रही है, वो भी फॉर्म भर सकते हैं। बता दें कि एसआईआर के लिए यूपी के तमाम जिलों में विशेष कैंप लगाए गए। मतदान केंद्रों पर बीएलओ को तैनात किया गया था। इसके अलावा सभी पॉलिटिकल पार्टियों के प्रतिनिधि, बीएलए ने एसआईआर गणना फॉर्म को भरवाने में मदद की।
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