विकसित उत्तर प्रदेश-2047: सृजन शक्ति वर्कशॉप में हरित विकास पर जोर

Published : Nov 25, 2025, 10:01 AM IST
viksit uttar pradesh 2047 Balanced Development and Environmental Stewardship workshop

सार

योजना भवन में आयोजित सृजन शक्ति वर्कशॉप में यूपी के संतुलित और पर्यावरण समावेशी विकास की रणनीतियों पर चर्चा हुई। हरित ऊर्जा, जलवायु अनुकूल अवसंरचना, कार्बन कमी, जैव विविधता संरक्षण और नीति सुधारों को मजबूत करने पर जोर दिया गया।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश को भविष्योन्मुख विकास मॉडल के अनुरूप बदलने के लिए योगी सरकार पर्यावरण समावेशी नीतियों को तेजी से जमीन पर उतार रही है। इसी दिशा में विकसित उत्तर प्रदेश-2047 के तहत सोमवार को योजना भवन सभागार में ‘सृजन शक्तिः बैलेंस्ड डेवलपमेंट एंड एनवायरमेंटल स्टीवर्डशिप’ थीम पर सेक्टोरल वर्कशॉप आयोजित हुई। वर्कशॉप का शुभारंभ वन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. अरुण कुमार सक्सेना ने किया। यह कार्यक्रम उत्तर प्रदेश की हरित ऊर्जा और पर्यावरण संरक्षण से जुड़ी भविष्य की रणनीति को प्रस्तुत करने का मंच बना।

संतुलित विकास और पर्यावरण संरक्षण पर जोर

वर्कशॉप में कहा गया कि विकास और पर्यावरण संरक्षण एक साथ चलें, इसके लिए संतुलित और समग्र दृष्टिकोण जरूरी है। नीति निर्माण से लेकर क्रियान्वयन तक हर स्तर पर हरित विकास को प्राथमिकता देने पर बात हुई।

कार्यक्रम में वरिष्ठ अधिकारियों, तकनीकी विशेषज्ञों, शैक्षणिक संस्थानों और स्टेकहोल्डर्स ने जलवायु अनुकूल विकास के लिए दीर्घकालिक रणनीतियों पर सुझाव दिए।

यूपी में स्किल डेवलपमेंट और हरित जागरूकता में तेजी

वन राज्यमंत्री डॉ. अरुण कुमार सक्सेना ने कहा कि जनसंख्या से लेकर विकास तक हर क्षेत्र में यूपी अग्रणी राज्य है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य 2047 तक नए विकास मानक स्थापित करेगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश में स्किल डेवलपमेंट तेजी से बढ़ रहा है। आईटीआई, पॉलिटेक्निक, कौशल विकास केंद्र और निजी ट्रेनिंग संस्थान बड़ी संख्या में खुल रहे हैं, जिससे रोजगार बढ़ रहा है।

उन्होंने नागरिकों को प्रदूषण नियंत्रण और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करने के लिए जन-जागरूकता कार्यक्रम बढ़ाने का सुझाव दिया।

मजबूत संस्थागत प्रणाली विकसित करने की आवश्यकता

प्रमुख सचिव (पर्यावरण) अनिल कुमार ने कहा कि नीति सुधारों में तेजी और मजबूत संस्थागत ढांचा बेहद जरूरी है ताकि यूपी जलवायु समावेशी अग्रणी राज्य बन सके। प्रमुख सचिव योजना आलोक कुमार ने दीर्घकालिक विकास योजनाओं में जलवायु संबंधी नीतियों को शामिल करने पर बल दिया। पीसीसीएफ (मॉनिटरिंग) बी. प्रभाकर ने वनों के संरक्षण, पारिस्थितिकी तंत्र पुनर्स्थापन और जिला स्तरीय जलवायु अनुकूलन उपायों के महत्व को रेखांकित किया। यूपीनेडा के निदेशक इंदरजीत सिंह ने कहा कि नवाचार और PPP मॉडल के जरिए राज्य में नवीकरणीय ऊर्जा का दायरा तेजी से बढ़ाया जा सकता है।

नवीकरणीय ऊर्जा और कार्बन उत्सर्जन कमी पर फोकस

सचिव बी. चंद्रकला ने नवीकरणीय ऊर्जा अपनाने, कार्बन उत्सर्जन घटाने, परिपत्र अर्थव्यवस्था, संसाधन-कुशलता, जैव विविधता संरक्षण और जलवायु अनुकूल अवसंरचना पर व्यापक रूप से काम करने की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि जलवायु वित्त जुटाने के लिए हरित बांड, मिश्रित वित्त और अंतरराष्ट्रीय फंडिंग को भी बढ़ावा दिया जाएगा। सचिव मनीष मित्तल ने सभी क्षेत्रों में पर्यावरणीय स्थिरता को शामिल करने पर जोर दिया।

विशेषज्ञों के सुझाव और तकनीकी दृष्टिकोण

कार्यशाला में नीति आयोग की परामर्शदाता डॉ. स्वाति सैनी, नाबार्ड के उप महाप्रबंधक सिद्धार्थ शंकर, IIT कानपुर के डीन सच्चिदानंद त्रिपाठी तथा GIZ के निदेशक हैंस जर्गेन सहित कई विशेषज्ञों ने जैव विविधता संरक्षण, ऊर्जा नियोजन, जलवायु अनुकूल अवसंरचना, स्थानीय तकनीकों पर अपने विचार और सुझाव साझा किए।

PREV

उत्तर प्रदेश में हो रही राजनीतिक हलचल, प्रशासनिक फैसले, धार्मिक स्थल अपडेट्स, अपराध और रोजगार समाचार सबसे पहले पाएं। वाराणसी, लखनऊ, नोएडा से लेकर गांव-कस्बों की हर रिपोर्ट के लिए UP News in Hindi सेक्शन देखें — भरोसेमंद और तेज़ अपडेट्स सिर्फ Asianet News Hindi पर।

Read more Articles on

Recommended Stories

UP : पूर्वांचल बना आर्थिक पावरहाउस, 1 ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी में बड़ी भूमिका
मां के प्रेमी ने दो मासूमों को नाले में फेंका-ज़ेप्टो डिलीवरी बॉय ने बचाई जान, कैसे खुला राज?