CM योगी का तोहफ़ा: हर ज़िले में 100 बेड का आयुष सेंटर, जानें क्या है खास?

Published : Jul 01, 2025, 04:43 PM ISTUpdated : Jul 01, 2025, 04:44 PM IST
Yogi Adityanath at inauguration ceremony of Mahayogi Guru Gorakhnath AYUSH University

सार

CM योगी ने यूपी के पहले आयुष विश्वविद्यालय के लोकार्पण पर बड़ा ऐलान किया है। हर ज़िले में 100 बेड का आयुष हेल्थ वेलनेस सेंटर बनेगा। साथ ही, 6 मंडलों में आयुष महाविद्यालय भी खोले जाएंगे।

गोरखपुर, 1 जुलाई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि प्रदेश को पहले आयुष विश्वविद्यालय का उपहार देने के बाद सरकार जन आरोग्यता के लिए हर जिले में कम से कम 100 बेडेड का आयुष हेल्थ वेलनेस सेंटर बनाएगी। यहां पंचकर्म, क्षारसूत्र जैसी महत्वपूर्ण सुविधाओं को भी उपलब्ध कराया जाएगा। इसके साथ ही सरकार ने प्रदेश के उन छह मंडलों में मंडल मुख्यालय स्तर पर एक-एक आयुष महाविद्यालय बनाने का निर्णय लिया है जो अब तक ऐसे महाविद्यालय की सुविधा से वंचित थे।

सीएम योगी मंगलवार को उत्तर प्रदेश के पहले आयुष विश्वविद्यालय (महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय) के लोकार्पण समारोह को संबोधित कर रहे थे। समारोह की मुख्य अतिथि राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु और अति विशिष्ट अतिथि राज्यपाल आनंदी बेन पटेल का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र और प्रदेश सरकार सम्पूर्ण आरोग्यता की दिशा में निरंतर कार्य कर रही हैं। 2014 के पूर्व भारत की आरोग्यता की प्राचीन पद्धतियों, सुविधाओं को वैश्विक मान्यता नहीं मिल पाई थी। 2014 में प्रधानमंत्री बनने पर नरेंद्र मोदी ने आयुर्वेद, योग, यूनानी, होम्योपैथ, नेचुरोपैथी, सिद्धा को मिलाकर आयुष मंत्रालय बनाया और परंपरागत चिकित्सा पद्धतियों को नया मंच दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय पीएम मोदी की प्रेरणा से सम्पूर्ण आरोग्यता के लिए बनाया गया उत्तर प्रदेश का पहला आयुष विश्वविद्यालय है। लोकार्पण के साथ अब इस विश्वविद्यालय में प्रवेश प्रक्रिया भी आगे बढ़ेगी। लोगों को आयुर्वेद, होम्योपैथ, यूनानी, योग, नेचुरोपैथी, सिद्धा आदि विधाओं की चिकित्सा सेवा का लाभ मिलेगा। यह विश्वविद्यालय आयुष के क्षेत्र में रिसर्च एंड डेवलपमेंट के बड़े केंद्र के रूप में भी आगे बढ़ेगा।

सीएम योगी ने कहा कि किसानों और नौजवानों को बड़े पैमाने पर रोजगार उपलब्ध कराने में भी आयुष विश्वविद्यालय की बड़ी भूमिका होगी। इस विश्वविद्यालय के जरिये औषधीय पौधों की खेती रोजगार बढ़ाने में मददगार होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों को हेल्थ टूरिज्म के नए रूप में आकर्षित करने में भी आयुष विश्वविद्यालय निर्णायक साबित होगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आयुष विश्वविद्यालय हेल्थ टूरिज्म का नया डेस्टिनेशन बनेगा।

नवनाथ और चौरासी सिद्धों की परंपरा से जुड़ा है आयुर्वेद का रस शास्त्र

आयुष विश्वविद्यालय के लोकार्पण समारोह में अपने संबोधन के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आयुर्वेद और नाथपंथ के आपसी जुड़ाव का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद में रस शास्त्र, धातु विज्ञान का आविष्कार नवनाथ तथा चौरासी सिद्धों की परंपरा से जुड़ता है और, इसे व्यवस्थित करने का श्रेय महायोगी गुरु गोरखनाथ को दिया जाता है।

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