
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तकनीक केंद्रित विकास नीति ने उत्तर प्रदेश को तेजी से इलेक्ट्रॉनिक्स, डिजिटल मैन्युफैक्चरिंग और डाटा सेंटर क्षेत्र में मजबूत पहचान दिलाई है। आज यूपी कई औद्योगिक रूप से अग्रणी राज्यों से भी तेज गति से आगे बढ़ रहा है। इस बदलाव का सबसे बड़ा लाभ राज्य के युवाओं को मिल रहा है, जो आईटी और नई तकनीक वाले क्षेत्रों में रोजगार और कौशल विकास के अवसर हासिल कर रहे हैं। सरकार की नीतियों से निवेश लगातार बढ़ रहा है और इससे 1.48 लाख से अधिक रोजगार बनने की संभावनाएं हैं।
पिछले लगभग नौ वर्षों में सरकार ने पारंपरिक उद्योगों के साथ-साथ भविष्य की डिजिटल अर्थव्यवस्था पर भी विशेष ध्यान दिया है। इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग पॉलिसी-2025 ने यूपी को वैश्विक निवेशकों का भरोसेमंद स्थान बना दिया है। बेहतर कारोबारी माहौल, आसान प्रक्रियाएं, विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर और तेज लॉजिस्टिक्स ने सेमीकंडक्टर, हाई-वैल्यू इलेक्ट्रॉनिक्स, आईटी सेवाओं और डेटा आधारित उद्योगों की स्थापना को बल दिया है। स्टार्टअप इकोसिस्टम भी तेजी से मजबूत हो रहा है, जिसमें युवाओं की बड़ी भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है।
यूपी में इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी उत्पादों के निर्यात में बड़ी वृद्धि दर्ज की गई है।
आज यूपी देश का प्रमुख कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यातक बन चुका है। सेमीकंडक्टर पॉलिसी-2024 लागू होने के बाद निवेश के नए अवसर खुल रहे हैं।
वैश्विक कंपनियां यूपी में असेंबली यूनिट, डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग, कंपोनेंट और प्रिसिजन इलेक्ट्रॉनिक्स के बड़े प्लांट स्थापित कर रही हैं।
इससे यूपी तकनीकी विकास की अगली छलांग के लिए पूरी तरह तैयार है।
कम लॉजिस्टिक्स लागत, बेहतरीन कानून-व्यवस्था और सिंगल विंडो सिस्टम ने यूपी को निवेशकों का पसंदीदा गंतव्य बना दिया है। तकनीकी कौशल से लैस युवा कार्यबल यूपी की सबसे बड़ी ताकत है। मुख्यमंत्री योगी की सुरक्षा और निवेश संरक्षण नीति ने औद्योगिक विकास की रफ्तार बढ़ाई है।
भारत के 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य में यूपी की भूमिका अहम है। सरकार द्वारा चलाए जा रहे प्रशिक्षण कार्यक्रम युवाओं को तकनीकी रूप से सक्षम बना रहे हैं, जिससे जनसांख्यिकीय शक्ति वास्तविक आर्थिक संपदा में बदल रही है।
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