
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra) के रूट पर खाने-पीने की दुकान लगाने वालों के लिए नाम लिखी पट्टी लगाना अनिवार्य किया गया है। इसको लेकर राजनीति हो रही है। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने इसे लोकतंत्र पर हमला बताया है। दूसरी ओर अखिलेश यादव ने उदाहरण देकर समझाया है।
22 जुलाई से कांवड़ यात्रा शुरू होने वाली है। इससे पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित सभी भोजनालयों को अपने मालिकों के नाम बोर्ड पर लिखने का निर्देश दिया है। यह फैसला कांवड़ यात्रियों की पवित्रता बनाए रखने के लिए लिया गया है।
प्रियंका गांधी बोलीं- लोकतंत्र पर किया जा रहा हमला
इस संबंध में कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने एक्स पर पोस्ट किया, "हमारा संविधान हर नागरिक को गारंटी देता है कि उसके साथ जाति, धर्म, भाषा या किसी अन्य आधार पर भेदभाव नहीं होगा। उत्तर प्रदेश में ठेलों, खोमचों और दुकानों पर उनके मालिकों के नाम का बोर्ड लगाने का विभाजनकारी आदेश हमारे संविधान, हमारे लोकतंत्र और हमारी साझी विरासत पर हमला है। समाज में जाति और धर्म के आधार पर विभाजन पैदा करना संविधान के खिलाफ अपराध है। यह आदेश तुरंत वापस लिया जाना चाहिए और जिन अधिकारियों ने इसे जारी किया है, उन पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।"
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दूसरी ओर समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने उदाहरण देकर तंज कसा। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार का फैसला क्यों गलत है। एक्स पर उन्होंने पानी में खड़े बाइक सवार का वीडियो शेयर किया है। इसके साथ ही पोस्ट किया, "अगर इस व्यक्ति ने अपना नाम लिखा होता तो शायद कोई इसे बचाने आ जाता या फिर आकर भी नहीं आता। वैसे जलभराव देखकर भ्रमित न हों, ये वीडियो गोरखपुर का नहीं है। जलभराव केवल गोरखपुर की नहीं पूरे प्रदेश की समस्या है।"
उन्होंने आगे लिखा, "कोई है? विशेष टिप्पणी: इस वीडियो को देखकर कुछ राजनीतिक विशेषज्ञ कह रहे हैं कि ये व्यक्ति भाजपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं का प्रतीक है, जो ये नहीं समझ पा रहा है कि संगठन की तरफ हैंडल मोड़े या फिर सरकार की तरफ।"
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