कांवड़ यात्रा को लेकर योगी आदित्यनाथ ने दुकानदार-ठेले वालों को क्या आदेश दिया

Published : Jul 19, 2024, 12:39 PM ISTUpdated : Jul 19, 2024, 06:31 PM IST
Kanwar Yatra

सार

उत्तर प्रदेश में सीएम योगी के आदेश के बाद कांवड़ यात्रा के रास्तों पर मौजूद दुकान और ठेले लगाने वाले लोगों से कहा गया है कि वे अपनी दुकान-ठेले के बाहर अपनी नेमप्लेट लगाएं।

Kanwar Yatra 2024: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को आदेश दिया कि कांवड़ यात्रा के दौरान रास्ते पर मौजूद सभी भोजनालयों को अपने मालिकों के नाम दिखाने होंगे। हर एक दुकान या ठेले मालिक को बोर्ड पर नाम लिखना जरूरी होगा। इससे पहले मुजफ्फरनगर प्रशासन ने इस तरह का आदेश जारी किया था। मुख्यमंत्री के इस आदेश पर अब राजनीति शुरू हो गई है। विपक्ष और सत्तारूढ़ NDA नेताओं ने कहा- यह आदेश विभाजन पैदा करेगा। पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने भी अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। नकवी ने कांवड़ यात्रा से जुड़ी एक तस्वीर पोस्ट की और कहा- उन्हें इसके सम्मान और विश्वास के बारे में किसी से व्याख्यान की आवश्यकता नहीं है।

 

 

केंद्र में भाजपा की प्रमुख सहयोगी जनता दल (यूनाइटेड) के राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा- “मुजफ्फरनगर प्रशासन के आदेश को वापस लिया जाना चाहिए क्योंकि इससे सांप्रदायिक तनाव हो सकता है और धर्म के आधार पर कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए।” विभिन्न दलों की आलोचना के बाद मुजफ्फरनगर प्रशासन ने गुरुवार को अपने आदेश में संशोधन किया। सुझाव दिया गया कि लोग अपने मन से कांवड़ यात्रा मार्ग पर अपने भोजनालयों पर मालिकों के नेम प्लेट लगा सकते हैं। हालांकि, शुक्रवार को योगी आदित्यनाथ ने इस मामले को हवा दे दिया। उन्होंने राज्य भर में कांवड़ यात्रा मार्ग पर भोजनालयों, खाना बेचने वाली गाड़ियों पर मालिकों के नाम को दिखाना जरूरी कर दिया।

AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने योगी पर किया हमला

असदुद्दीन ओवैसी ने योगी आदित्यनाथ पर हमला करते हुए कहा- “उन पर हिटलर की आत्मा आ गई है। उत्तर प्रदेश सरकार छुआछूत को बढ़ावा दे रही है। हम इस आदेश की निंदा करते हैं, क्योंकि यह भारतीय संविधान के अनुच्छेद 17 का उल्लंघन करता है। उत्तर प्रदेश सरकार छुआछूत को बढ़ावा दे रही है। यह आदेश, जो नाम और धर्म के प्रदर्शन को निर्देशित करता है, अनुच्छेद 21 (जीवन का अधिकार) और अनुच्छेद 19 (आजीविका का अधिकार) का उल्लंघन है।”

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