
लखनऊ। उत्तर प्रदेश ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले साढ़े आठ वर्षों में कई चुनौतियों को पार करते हुए विकास की नई राह बनाई है। 2017 से पहले यूपी अक्सर पिछड़े राज्यों में गिना जाता था। नौजवान रोजगार के लिए दूसरे राज्यों में जाने को मजबूर थे। माफियाराज, भ्रष्टाचार, परिवारवाद और अराजकता का दबदबा था। सीएम योगी ने कानून-व्यवस्था को मजबूत किया, अपराध और माफिया पर कार्रवाई की तथा निवेश और उद्योगों के लिए अनुकूल माहौल तैयार किया। आज उत्तर प्रदेश वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी बनने की ओर बढ़ रहा है।
भारत का सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य होने के बावजूद यूपी अब सिर्फ संख्या में नहीं, बल्कि विकास में भी अग्रणी बन रहा है। सरकार ने तीन प्रमुख क्षेत्रों पर सबसे अधिक ध्यान दिया है:
इन सभी प्रयासों से मुख्यमंत्री योगी ने यूपी को “परंपरा से प्रगति” का मॉडल बनाया है।
ODOP कार्यक्रम 2018 में शुरू हुआ था। इसका उद्देश्य था कि हर जिले के पारंपरिक उत्पादों—हस्तशिल्प, हस्तनिर्मित सामान, कृषि-उत्पाद-को बाजार से जोड़ा जाए।
गांव और शहरों में छोटे उद्योग, क्लस्टर, ई-कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म और डिजिटल मार्केटिंग मॉडल के चलते युवा अब अपने ही राज्य में रोजगार पा रहे हैं।
MSME इकोसिस्टम ने लघु उद्योगों के विकास को दी गति
उत्तर प्रदेश में MSME सेक्टर राज्य के विकास की रीढ़ बना है।
सरकार 11 जिलों में 15 नए MSME औद्योगिक क्षेत्र तैयार कर रही है, जिससे भूमि और सुविधाओं की उपलब्धता आसान होगी। MSME उद्यमियों को 1000 दिनों तक किसी भी NOC की जरूरत नहीं है। सरकारी विभागों और PSUs द्वारा MSME उत्पादों की 25% खरीद अनिवार्य की गई है। GST रजिस्ट्रेशन वाले हर व्यापारी को ₹5 लाख का सुरक्षा बीमा कवर भी मिल रहा है।
राज्य में कृषि और तकनीक के मेल से विकास में तेजी आई है। फूड-प्रोसेसिंग क्लस्टर, निर्यात मंडल, कोल्ड चेन इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित किए जा रहे हैं। सरकार डिजिटल एग्रीकल्चर इकोसिस्टम बनाने में लगी है, जिससे किसानों को तकनीक, बेहतर बीज और सीधे बाजार की सुविधा मिल रही है। वैज्ञानिक शोध और नई तकनीकों के उपयोग से उत्पादन क्षमता बढ़ाई जा रही है। लक्ष्य यह है कि उपलब्ध कृषि भूमि से तीन गुना तक उत्पादन प्राप्त किया जा सके।
महिला सहभागिता ने यूपी की अर्थव्यवस्था को नई दिशा दी है।
राज्य में “परंपरा से आधुनिकता” का यह बदलाव महिलाओं की भूमिका से और मजबूत हुआ है।
महिलाओं को खेती-किसानी में तकनीक से जोड़ने के लिए ‘नमो ड्रोन दीदी योजना’ शुरू की गई है। महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन पायलट प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्हें ड्रोन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इससे गांवों में महिलाओं के लिए तकनीक आधारित रोजगार बढ़ रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का लक्ष्य था कि युवाओं को अपने ही राज्य में रोजगार मिले। इसके लिए उन्होंने ODOP, MSME विस्तार, महिला उद्यमिता और आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर पर जोर दिया। थारू जनजाति के लिए 371 शहरी-स्वयं सहायता समूह बनाकर वित्तीय सहायता दी गई। इससे पता चलता है कि सरकार परंपरा का सम्मान करते हुए युवाओं और महिलाओं को बराबर का अवसर दे रही है। इसी नीति-दृष्टि के कारण सीएम योगी की पहचान "आस्था से अर्थव्यवस्था" को जोड़ने वाले नेता के रूप में बनी है।
योगी सरकार का फोकस यह सुनिश्चित करना है कि विकास केवल शहरों तक सीमित न रहे, बल्कि गांव, कस्बे, युवा, महिलाएं और परंपरागत उद्योग भी इससे जुड़ें। यही कारण है कि “विकसित उत्तर प्रदेश” अब सिर्फ नारा नहीं, बल्कि वास्तविकता बन रहा है। सीएम योगी की छवि अब एक ऐसे नेता की रूप में उभर रही है जिसने परंपरा और आधुनिक अर्थव्यवस्था के बीच सेतु का काम किया है।
उत्तर प्रदेश में हो रही राजनीतिक हलचल, प्रशासनिक फैसले, धार्मिक स्थल अपडेट्स, अपराध और रोजगार समाचार सबसे पहले पाएं। वाराणसी, लखनऊ, नोएडा से लेकर गांव-कस्बों की हर रिपोर्ट के लिए UP News in Hindi सेक्शन देखें — भरोसेमंद और तेज़ अपडेट्स सिर्फ Asianet News Hindi पर।