योगी सरकार के 8.5 साल: ODOP, MSME और टेक्नोलॉजी से बदला उत्तर प्रदेश का विकास मॉडल

Published : Nov 16, 2025, 11:25 AM IST
Yogi Government 8 point 5 years ODOP MSME technology UP development

सार

8.5 वर्षों में योगी सरकार ने यूपी को पिछड़े राज्य से विकसित प्रदेश की राह पर लाया। ODOP, MSME, कृषि-टेक और महिला सशक्तिकरण ने रोजगार बढ़ाया। कानून-व्यवस्था में सुधार और निवेश माहौल ने प्रदेश को ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी की दिशा में आगे बढ़ाया।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले साढ़े आठ वर्षों में कई चुनौतियों को पार करते हुए विकास की नई राह बनाई है। 2017 से पहले यूपी अक्सर पिछड़े राज्यों में गिना जाता था। नौजवान रोजगार के लिए दूसरे राज्यों में जाने को मजबूर थे। माफियाराज, भ्रष्टाचार, परिवारवाद और अराजकता का दबदबा था। सीएम योगी ने कानून-व्यवस्था को मजबूत किया, अपराध और माफिया पर कार्रवाई की तथा निवेश और उद्योगों के लिए अनुकूल माहौल तैयार किया। आज उत्तर प्रदेश वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी बनने की ओर बढ़ रहा है।

उत्तर प्रदेश विकास के क्षेत्र में आगे बढ़ता अग्रणी राज्य

भारत का सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य होने के बावजूद यूपी अब सिर्फ संख्या में नहीं, बल्कि विकास में भी अग्रणी बन रहा है। सरकार ने तीन प्रमुख क्षेत्रों पर सबसे अधिक ध्यान दिया है:

  • एक जिला-एक उत्पाद (ODOP) के तहत रोजगार
  • MSME सेक्टर का व्यापक विस्तार
  • कृषि-टेक्नोलॉजी-महिला सशक्तिकरण पर विशेष फोकस

इन सभी प्रयासों से मुख्यमंत्री योगी ने यूपी को “परंपरा से प्रगति” का मॉडल बनाया है।

ODOP योजना से युवाओं को मिला बड़ा रोजगार आधार

ODOP कार्यक्रम 2018 में शुरू हुआ था। इसका उद्देश्य था कि हर जिले के पारंपरिक उत्पादों—हस्तशिल्प, हस्तनिर्मित सामान, कृषि-उत्पाद-को बाजार से जोड़ा जाए।

  • ODOP सेक्टर में 3 करोड़ से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार मिला है।
  • 5 लाख से ज्यादा युवाओं को बैंकों से जोड़कर स्वरोजगार को बढ़ावा दिया गया है।
  • 2016–17 में यूपी का निर्यात लगभग ₹80,000 करोड़ था, जो बढ़कर ₹1.56 लाख करोड़ से अधिक हो गया।
  • राज्य के कुल निर्यात में ODOP उत्पादों की हिस्सेदारी लगभग 70% तक पहुंच गई है।

गांव और शहरों में छोटे उद्योग, क्लस्टर, ई-कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म और डिजिटल मार्केटिंग मॉडल के चलते युवा अब अपने ही राज्य में रोजगार पा रहे हैं।

MSME इकोसिस्टम ने लघु उद्योगों के विकास को दी गति

उत्तर प्रदेश में MSME सेक्टर राज्य के विकास की रीढ़ बना है।

  • यहां 96 लाख MSME इकाइयाँ हैं, जो पूरे देश में सबसे ज्यादा हैं।
  • रेल-मेटल, कपड़ा, हैंडीक्राफ्ट, खाद्य-प्रोसेसिंग सहित छोटे उद्योगों ने लाखों रोजगार पैदा किए हैं।
  • अनुमान है कि हर 1 करोड़ के निवेश से 8 रोजगार पैदा हो सकते हैं।

सरकार 11 जिलों में 15 नए MSME औद्योगिक क्षेत्र तैयार कर रही है, जिससे भूमि और सुविधाओं की उपलब्धता आसान होगी। MSME उद्यमियों को 1000 दिनों तक किसी भी NOC की जरूरत नहीं है। सरकारी विभागों और PSUs द्वारा MSME उत्पादों की 25% खरीद अनिवार्य की गई है। GST रजिस्ट्रेशन वाले हर व्यापारी को ₹5 लाख का सुरक्षा बीमा कवर भी मिल रहा है।

कृषि और टेक्नोलॉजी ने यूपी की अर्थव्यवस्था को दी नई रफ्तार

राज्य में कृषि और तकनीक के मेल से विकास में तेजी आई है। फूड-प्रोसेसिंग क्लस्टर, निर्यात मंडल, कोल्ड चेन इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित किए जा रहे हैं। सरकार डिजिटल एग्रीकल्चर इकोसिस्टम बनाने में लगी है, जिससे किसानों को तकनीक, बेहतर बीज और सीधे बाजार की सुविधा मिल रही है। वैज्ञानिक शोध और नई तकनीकों के उपयोग से उत्पादन क्षमता बढ़ाई जा रही है। लक्ष्य यह है कि उपलब्ध कृषि भूमि से तीन गुना तक उत्पादन प्राप्त किया जा सके।

महिलाओं की बढ़ती भूमिका से मजबूत हुआ प्रदेश का विकास मॉडल

महिला सहभागिता ने यूपी की अर्थव्यवस्था को नई दिशा दी है।

  • साल 2025 में मनरेगा में महिलाओं की भागीदारी 42% तक पहुंच गई है।
  • ई-मोबाइल, स्मार्ट कृषि उपकरण, डिजिटल मार्केटिंग जैसी तकनीकों से महिला उद्यमिता को बढ़ावा मिला है।

राज्य में “परंपरा से आधुनिकता” का यह बदलाव महिलाओं की भूमिका से और मजबूत हुआ है।

‘नमो ड्रोन दीदी’ योजना- महिलाओं को तकनीकी रोजगार

महिलाओं को खेती-किसानी में तकनीक से जोड़ने के लिए ‘नमो ड्रोन दीदी योजना’ शुरू की गई है। महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन पायलट प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्हें ड्रोन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इससे गांवों में महिलाओं के लिए तकनीक आधारित रोजगार बढ़ रहा है।

सीएम योगी का लक्ष्य- विकसित उत्तर प्रदेश

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का लक्ष्य था कि युवाओं को अपने ही राज्य में रोजगार मिले। इसके लिए उन्होंने ODOP, MSME विस्तार, महिला उद्यमिता और आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर पर जोर दिया। थारू जनजाति के लिए 371 शहरी-स्वयं सहायता समूह बनाकर वित्तीय सहायता दी गई। इससे पता चलता है कि सरकार परंपरा का सम्मान करते हुए युवाओं और महिलाओं को बराबर का अवसर दे रही है। इसी नीति-दृष्टि के कारण सीएम योगी की पहचान "आस्था से अर्थव्यवस्था" को जोड़ने वाले नेता के रूप में बनी है।

विकास का लाभ गांव-शहर तक- विकसित उत्तर प्रदेश का निर्माण

योगी सरकार का फोकस यह सुनिश्चित करना है कि विकास केवल शहरों तक सीमित न रहे, बल्कि गांव, कस्बे, युवा, महिलाएं और परंपरागत उद्योग भी इससे जुड़ें। यही कारण है कि “विकसित उत्तर प्रदेश” अब सिर्फ नारा नहीं, बल्कि वास्तविकता बन रहा है। सीएम योगी की छवि अब एक ऐसे नेता की रूप में उभर रही है जिसने परंपरा और आधुनिक अर्थव्यवस्था के बीच सेतु का काम किया है।

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