
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सख्त निर्देशों के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने अब नशीली औषधियों (Narcotics Medicines) के अवैध व्यापार पर बड़ी कार्रवाई शुरू की है। पहले की तरह मिलावटी खाद्य पदार्थों पर कार्रवाई के बाद अब सरकार ने कोडीनयुक्त कफ सिरप और अन्य नशीली दवाओं के अवैध क्रय-विक्रय, वितरण और भंडारण पर शिकंजा कस दिया है।
आयुक्त, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन, उत्तर प्रदेश द्वारा जारी निर्देशों के बाद विभाग की प्रवर्तन टीमों ने प्रदेशभर में व्यापक छापेमारी और जब्ती अभियान चलाया है। बड़ी मात्रा में अवैध दवाएँ जब्त की गईं, कई गिरफ्तारियाँ हुईं और एनडीपीएस एक्ट (NDPS Act) के तहत केस दर्ज किए गए हैं।
आयुक्त डॉ. रोशन जैकब ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार मिलावट और नशीली दवाओं की आपूर्ति दोनों पर समान सख्ती बरती जा रही है। कोडीन आधारित दवाओं के दुरुपयोग और अवैध वितरण को रोकने के लिए प्रदेश के कई जिलों में लगातार छापेमारी की जा रही है।
प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि इन दवाओं की आपूर्ति सिर्फ स्थानीय बाजारों तक सीमित नहीं है, बल्कि पंजाब, दिल्ली, और असम मार्ग के जरिए बांग्लादेश तक पहुंचने की भी संभावना है। यानी यह नेटवर्क अंतरराज्यीय ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सक्रिय हो सकता है।
डॉ. जैकब ने बताया कि जांच अब पूरे सप्लाई चेन तक फैली है- मैन्युफैक्चरिंग यूनिट से लेकर रिटेल स्टोर तक। नारकोटिक्स ब्यूरो द्वारा जारी उत्पादन कोटा और लाइसेंस की भी जांच की जा रही है।
विनिर्माण इकाइयों, स्टॉकिस्ट, डिस्ट्रीब्यूटर, होलसेलर और रिटेलर सभी के अभिलेखों की गहन पड़ताल की जा रही है। उन्होंने कहा कि केवल ड्रग एक्ट के तहत कार्रवाई पर्याप्त नहीं है। ऐसे मामलों में NDPS एक्ट सहित अन्य प्रवर्तन एजेंसियों के साथ संयुक्त अभियान जरूरी है।
लखनऊ में दीपक मानवानी नामक व्यक्ति के घर से ₹3 लाख की अवैध औषधियाँ बरामद हुईं। आरोपी को NDPS एक्ट, 1985 की धारा 8, 21, 22 के तहत गिरफ्तार किया गया। इसके अलावा M/s Arpik Pharmaceuticals Pvt. Ltd. और M/s Idhika Lifesciences Pvt. Ltd. के गोदामों पर भी छापे मारे गए। लखीमपुर खीरी में पीयूष मेडिकल एजेंसी के घर से Tramadol कैप्सूल जब्त किए गए। बहराइच में रॉयल फार्मा और ममता मेडिकल एजेंसी पर छापेमारी में ₹30,000 मूल्य की अवैध औषधियाँ बरामद हुईं और दो लोग गिरफ्तार किए गए।
सीतापुर के नैमिष मेडिकल स्टोर के संचालक शिवम कुमार पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 318(1) और 335 के तहत केस दर्ज किया गया। रायबरेली के अजय फार्मा और लखनऊ-सुल्तानपुर के श्री श्याम फार्मा व विनोद फार्मा पर भी अनियमितताओं के चलते कार्यवाही की गई।
लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, बलरामपुर और गाजियाबाद सहित कई जिलों में मेडिकल स्टोर्स पर कोडीनयुक्त कफ सिरप और नॉरकोटिक औषधियों की बिक्री पर रोक लगाई गई है। लखनऊ के श्री श्याम फार्मा, कानपुर के अग्रवाल ब्रदर्स, मा दुर्गा मेडिकोज, आरएस हेल्थकेयर आदि पर औषधि एवं प्रसाधन अधिनियम की धारा 22(1)(d) के तहत अस्थायी प्रतिबंध लगाया गया है।
नेपाल सीमा से सटे बहराइच, लखीमपुर खीरी, महाराजगंज के साथ-साथ दिल्ली, हरियाणा और पंजाब की सीमाओं से लगे जिलों- गाजियाबाद, नोएडा, मेरठ, सहारनपुर- में भी संदिग्ध मेडिकल स्टोर्स की गहन जांच जारी है ताकि नशीली दवाओं की तस्करी को रोका जा सके।
मध्य प्रदेश और राजस्थान में बच्चों के साथ हुई घटनाओं के बाद उत्तर प्रदेश में भी सतर्कता बढ़ा दी गई है। राज्यभर से 913 कफ सिरप नमूने जांच के लिए लिए गए हैं। अब तक 63 नमूनों की रिपोर्ट आ चुकी है, जो सभी संतोषजनक पाई गई हैं। बाकी नमूनों की जांच प्राथमिकता पर जारी है।
डॉ. जैकब ने सभी औषधि निरीक्षकों को निर्देश दिया है कि कोडीनयुक्त कफ सिरप और नॉरकोटिक्स औषधियों के क्रय-विक्रय और भंडारण की निरंतर जांच करें। किसी भी स्तर पर गड़बड़ी मिलने पर तत्काल सख्त कार्रवाई की जाए।
यह भी पढ़ें
दीपोत्सव 2025: 26 लाख दीपों से जगमगाई अयोध्या, योगी सरकार ने बनाए दो वर्ल्ड रिकॉर्ड
उत्तर प्रदेश में हो रही राजनीतिक हलचल, प्रशासनिक फैसले, धार्मिक स्थल अपडेट्स, अपराध और रोजगार समाचार सबसे पहले पाएं। वाराणसी, लखनऊ, नोएडा से लेकर गांव-कस्बों की हर रिपोर्ट के लिए UP News in Hindi सेक्शन देखें — भरोसेमंद और तेज़ अपडेट्स सिर्फ Asianet News Hindi पर।