क्या है योगी के CM डैशबोर्ड और IGRS? दूसरे राज्यों के लिए बन रहे हैं रोल मॉडल

Published : Dec 03, 2025, 07:01 PM IST
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सार

UP Yogi Government: उत्तर प्रदेश का 'सीएम डैशबोर्ड' पारदर्शी व उत्तरदायी शासन का आधार है। यह परियोजनाओं की रियल-टाइम निगरानी कर जिलों की रैंकिंग जारी करता है। मुख्यमंत्री द्वारा समीक्षित यह प्रणाली अन्य राज्यों के लिए एक मॉडल बन रही है।

लखनऊ, 3 दिसंबर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश की शासन प्रणाली ने अभूतपूर्व रूप से नई दिशा व गति प्राप्त की है। उनके कुशल मार्गदर्शन व निर्णायक प्रशासनिक दृष्टि के परिणामस्वरूप राज्य का अभिनव सीएम डैशबोर्ड सिस्टम वर्तमान में त्वरित, पारदर्शी एवं उत्तरदायी शासन प्रणाली का आधार स्तंभ बन चुका है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं इस डैशबोर्ड के माध्यम से प्रमुख परियोजनाओं की नियमित समीक्षा कर रहे हैं, जिसके चलते विकास कार्यों में उल्लेखनीय तेजी, उच्च गुणवत्ता और अधिक पारदर्शिता सुनिश्चित हुई है। 

यह जटिल आंकड़ों को सरल तरीके से करता है प्रस्तुत

योगी सरकार द्वारा क्रियान्वित डिजिटल सुशासन की नीतियों के अंतर्गत विकसित यह डैशबोर्ड डाटा इंटीग्रेशन, प्रदर्शन निगरानी, विजुअलाइजेशन, रियल टाइम अपडेट, जिलेवार विश्लेषण तथा नागरिक सहभागिता जैसी उन्नत विशेषताओं से सुसज्जित है। यह जटिल आंकड़ों को सरल तथा दृश्य रूप में प्रस्तुत कर जिलों में प्रशासनिक दक्षता, लक्ष्य-आधारित कार्य संस्कृति और जवाबदेही को सुदृढ़ करता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में सीएम डैशबोर्ड उत्तर प्रदेश के शासन को वैज्ञानिक, पारदर्शी, परिणामोन्मुख तथा उत्तरदायी बनाते हुए सुशासन का ऐसा आदर्श प्रस्तुत कर रही है जिसे आज देशभर में एक नए मॉडल के रूप में स्वीकार किया जा रहा है।

जिलों के प्रदर्शन का आकलन कर जारी होती है रैंकिंग

 सीएम डैशबोर्ड के माध्यम से 49 विभागों के 109 कार्यक्रमों की जिलों में मासिक समीक्षा की जाती है। यह प्रणाली विकास कार्यों, जनकल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन, राजस्व संचालन और कानून-व्यवस्था जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर जिलों के प्रदर्शन का आकलन करती है। हर माह जिलों की रैंकिंग जारी होती है, जिससे प्रशासन के विभिन्न विभागों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा बढ़ती है। प्रक्रिया के अंतर्गत उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले जिलों को प्रोत्साहित किया जाता है, जबकि कमजोर प्रदर्शन वाले जिलों को सुधार के लिए निर्देश दिए जाते हैं।

तत्काल सुधार के लिए भी निर्देश जारी करने का माध्यम 

सीएम डैशबोर्ड में स्वास्थ्य, शिक्षा, बुनियादी ढांचा, स्वच्छता, पेयजल, बिजली, ग्रामीण सड़कें तथा सरकारी योजनाओं की पहुंच जैसे महत्वपूर्ण मापदंड शामिल हैं। इसका लक्ष्य केवल भौतिक संरचनाओं का विस्तार नहीं, बल्कि समाज के हर वर्ग जैसे किसानों, महिलाओं, गरीबों और युवाओं के समग्र उत्थान को सुनिश्चित करना है। योजनाओं की लाभार्थियों तक पहुंच, उनकी प्रगति और वास्तविक प्रभाव का सीधा मूल्यांकन इस प्रणाली से किया जाता है। प्रणाली की गुणवत्ता नियंत्रण को सुनिश्चित करने के लिए सीएम डैशबोर्ड को आईजीआरएस पोर्टल से भी जोड़ा गया है। खास बात यह है कि शिकायत निस्तारण के बाद यदि नागरिक असंतोष जताते हैं, तो इसके माध्यम से अधिकारियों को तत्काल सुधार के लिए निर्देश भी दिए जाते हैं।

अन्य राज्यों के लिए मॉडल बना 

यूपी का डैशबोर्ड सीएम डैशबोर्ड और आईजीआरएस का प्रभावी प्रदर्शन अन्य राज्यों को भी ऐसे ही उन्नत एवं परिणामोन्मुख प्रणाली अपनाने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है। उल्लेखनीय है कि दिल्ली सरकार ने सक्रिय निरीक्षण व अध्ययन के बाद योगी सरकार के आईजीआरएस और सीएम डैशबोर्ड सिस्टम के मॉडल को अपनाने का निर्णय लिया है। दिल्ली के अधिकारियों ने इस प्रणाली को तकनीकी रूप से उन्नत, प्रभावशाली और शिकायतों के त्वरित, पारदर्शी व गुणवत्तापूर्ण निस्तारण में अत्यंत कारगर पाया है। इसके अतिरिक्त, उन्होंने विकास कार्यों की अधिक प्रभावी निगरानी तथा प्रशासनिक जवाबदेही बढ़ाने हेतु इस मॉडल की विशेष सराहना भी की है।

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