
रामपुर: समाजवादी पार्टी के नेता को यूपी सरकार से एक और झटका लगा है। शनिवार को हुई कैबिनेट बैठक में आजम के जौहर शोध संस्थान की लीज को निरस्त कर दिया गया। मंत्री रहते हुए आजम खां ने इसे लीज पर लिया था। पूर्व में आंजनेय कुमार सिंह ने जिलाधिकारी रहते हुए इस संस्थान की लीज को समाप्त करने की सिफारिश भी की थी।
मात्र 100 रुपए में हुआ था कांट्रैक्ट
गौरतलब है कि आजम खां ने सपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहने के दौरान मौलाना मोहम्मद अली जौहर प्रशिक्षण व शोध संस्थान को लीज पर लिया था। इसको लेकर मात्र 100 रुपए में 33 साल के लिए कांट्रैक्ट हुआ था। इस अवधि को 33-33 साल के लिए दो बार बढ़ाया जा सकता है। निर्णय के बाद में यह शोध संस्थान मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट हो गया था। आजीवन इसके अध्यक्ष आजम खां हैं। ट्रस्ट ही शोध संस्थान का संचालन करता है। इसमें वर्तमान में रामपुर पब्लिक स्कूल भी चल रहा है। संस्थान को लीज पर आजम को देने का फैसला कैबिनेट ने लिया था। कैबिनेट की बैठक में ही इस फैसले को निरस्त भी किया गया है। जिसके बाद इसे आजम खां को बड़ा झटका माना जा रहा है।
एसआईटी की सिफारिश के बाद डीएम से मांगी गई थी रिपोर्ट
ज्ञात हो कि इससे पहले मामले की जांच एसआईटी ने की थी। एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर ही मंडलीय अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी को भी निलंबित किया गया था। आरोप था कि वह लापरवाही कर रहे हैं। एसआईटी की सिफारिश के बाद ही मामले में शासन ने डीएम से रिपोर्ट तलब की थी। जिस समय आंजनेय कुमार सिंह डीएम थे तो उनके द्वारा इस संस्थान की लीज को समाप्त करने की सिफारिश भी की थी। कैबिनेट में बैठक के दौरान अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय की ओर से यह प्रस्ताव रखा गया था। जिस पर मुहर लगाते हुए जौहर शोध संस्थान की लीज को समाप्त कर दिया है।
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