
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर उत्तर प्रदेश में महिला-नेतृत्व वाले उद्यमों को सशक्त बनाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में आजीविका-केंद्रित तकनीकों पर आधारित एक राज्य स्तरीय कार्यक्रम लखनऊ स्थित इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में सरकारी मिशनों, तकनीक विकसित करने वाली संस्थाओं, महिला उद्यमियों और विषय विशेषज्ञों ने सहभागिता की।
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य यह समझना था कि व्यावहारिक और नवाचारी तकनीकी समाधान किस प्रकार उत्तर प्रदेश में महिलाओं द्वारा संचालित उद्यमों को मजबूत और टिकाऊ बना सकते हैं। इस पहल के माध्यम से तकनीक और आजीविका के बीच सेतु बनाने पर जोर दिया गया।
यह राज्य स्तरीय कार्यक्रम उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत Science for Equity, Empowerment and Development Division, डेवलपमेंट अल्टरनेटिव्स और विज्ञान आश्रम के सहयोग से आयोजित किया गया।
कार्यक्रम के दौरान एक प्रदर्शनी भी आयोजित की गई, जिसमें विभिन्न संस्थाओं ने अपनी तकनीकों का प्रदर्शन किया।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की मिशन निदेशक दीपा रंजन ने महिला उद्यमियों से संवाद किया। उन्होंने बताया कि इस पहल का उद्देश्य लखपति दीदियों को आगे बढ़ाकर करोड़पति दीदियां बनाना है। उन्होंने जानकारी दी कि एक करोड़ से अधिक महिलाएं प्रदेश में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ी हुई हैं।
ग्रामीण आजीविका संस्थानों की पहुंच को TAP-RISE (Technology Acceleration Platform for Rural Innovation and Social Entrepreneurship) पहल के तहत समर्थित सामाजिक रूप से उपयोगी तकनीकों से जोड़ा गया। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के संयुक्त मिशन निदेशक जनमेजय शुक्ला ने कहा कि लखपति दीदियों की सफलता यह दिखाती है कि उनके करोड़पति बनने की पूरी संभावना है।
इस अवसर पर श्रष्टांत पाटरा (मुख्य कार्यकारी अधिकारी, डेवलपमेंट अल्टरनेटिव्स), डॉ. योगेश कुलकर्णी (कार्यकारी निदेशक, विज्ञान आश्रम), कनिका वर्मा (कार्यकारी उपाध्यक्ष, डेवलपमेंट अल्टरनेटिव्स) ने ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर और उद्यमशील बनाने के व्यावहारिक तरीकों पर अपने विचार साझा किए।
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