
लखनऊ। योगी आदित्यनाथ सरकार की सरल नीतियों और मजबूत कानून व्यवस्था ने निवेशकों का भरोसा बढ़ाया है। इसी कारण उत्तर प्रदेश में छोटे उद्योगों को नई रफ्तार मिली है। आज राज्य में 96 लाख से ज्यादा MSME इकाइयां काम कर रही हैं, जो लाखों लोगों को रोजगार दे रही हैं। पिछले आठ वर्षों में यूपी ने जिस तेजी से औद्योगिक माहौल बदला है, उसने उत्तर भारत के आर्थिक नक्शे पर एक नई पहचान बनाई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट किया है कि राज्य का लक्ष्य वर्ष 2029-30 तक एक ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनना है। इसी लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए सरकार लगातार छोटे उद्योगों को बढ़ावा देने के ठोस प्रयास कर रही है।
2017 में सरकार बनने पर सबसे बड़ी चुनौती जटिल औद्योगिक प्रक्रियाएं और निवेशकों का कम विश्वास था। लेकिन योगी सरकार ने समयबद्ध मंजूरी व्यवस्था, सिंगल विंडो प्रणाली और जिलों में निवेश अनुकूल वातावरण तैयार करके स्थिति बदल दी। इन प्रयासों का परिणाम है कि आज उत्तर प्रदेश छोटे उद्योगों का बड़ा केंद्र बन चुका है और बड़ी संख्या में युवाओं के लिए रोजगार पैदा हो रहा है।
पिछले आठ वर्षों में यूपी सरकार ने एमएसएमई सेक्टर को एक मजबूत आधार दिया है। माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज प्रमोशन पॉलिसी 2022 के तहत पिछड़े क्षेत्रों में 10–25% तक पूंजी सब्सिडी दी गई है। यह पॉलिसी SC-ST और महिला उद्यमियों को अतिरिक्त लाभ देती है। निवेश मित्र पोर्टल और एकल खिड़की प्रणाली ने उद्योग स्थापित करने की प्रक्रिया को बेहद आसान बना दिया है।
निवेश मित्र और एमएसएमई वन कनेक्ट पोर्टल ने उद्योग लगाने की प्रक्रिया को तेज बनाया है। अब तक 19 लाख से अधिक लाइसेंस जारी किए जा चुके हैं। इन्हीं प्लेटफॉर्म के जरिए GED प्रमाणन, PMEGP आवेदन और अन्य प्रक्रियाएं आसान हुई हैं। वित्तीय वर्ष 2025 में एमएसएमई क्षेत्र को 2.48 लाख करोड़ रुपये से अधिक के ऋण प्रदान किए गए हैं, जिससे उद्योगों को तेजी मिली है।
योगी सरकार ने महिलाओं और युवाओं को प्राथमिकता देते हुए कई योजनाएं चलाई हैं। मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के तहत अब तक लगभग 1200 करोड़ रुपये की ऋण सब्सिडी दी जा चुकी है। विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना और ओडीओपी ने पारंपरिक कारीगरों और स्थानीय उत्पादों को नई पहचान दी है। सरकार ने एमएसएमई से 25% खरीद अनिवार्य की है, जिसमें महिलाओं के लिए 3% और SC-ST इकाइयों के लिए 4% आरक्षित है।
उत्तर प्रदेश में कृषि और तकनीक आधारित छोटे उद्योग भी तेजी से बढ़ रहे हैं। लखनऊ और कानपुर में बने इनोवेशन हब्स, ड्रोन तकनीक और एआई आधारित खेती कृषि उद्योगों को नई दिशा दे रहे हैं। विकसित यूपी 2047 विजन में 33 क्षेत्रीय नीतियां एमएसएमई सेक्टर को मजबूत करती हैं। ये प्रयास राज्य की अर्थव्यवस्था को लगभग 1.2 लाख करोड़ रुपये का योगदान दे रहे हैं और गांवों में रोजगार के नए अवसर पैदा कर रहे हैं।
योगी आदित्यनाथ सरकार की लगातार कोशिशों से उत्तर प्रदेश आज विकसित भारत का मजबूत स्तंभ बन रहा है। छोटे उद्योग राज्य की आर्थिक प्रगति के इंजन की तरह काम कर रहे हैं और लाखों परिवारों को आजीविका दे रहे हैं।
उत्तर प्रदेश में हो रही राजनीतिक हलचल, प्रशासनिक फैसले, धार्मिक स्थल अपडेट्स, अपराध और रोजगार समाचार सबसे पहले पाएं। वाराणसी, लखनऊ, नोएडा से लेकर गांव-कस्बों की हर रिपोर्ट के लिए UP News in Hindi सेक्शन देखें — भरोसेमंद और तेज़ अपडेट्स सिर्फ Asianet News Hindi पर।