
Yogi Goverment: योगी सरकार के नेतृत्व में गन्ना किसानों को उनकी फसल का सही मूल्य मिल रहा है। भुगतान भी पहले की तुलना में काफी तेज़ी से हो रहा है, जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति बेहतर हुई है। सरकार के किसान हितैषी फैसलों की वजह से अब किसान खुद आगे आकर ‘कृषि चौपाल’ लगा रहे हैं। 1 से 11 दिसंबर तक यह चौपाल पश्चिमी यूपी के चार ज़िलों में आयोजित की जाएगी। यहां किसानों की राय सीधे सरकार तक पहुंचाई जाएगी, ताकि गन्ना किसानों के लिए और बेहतर नीतियां बनाई जा सकें।
1 से 11 दिसंबर तक बागपत, हापुड़, शामली और मुजफ्फरनगर जिले में किसानों द्वारा दो-दो कृषि चौपाल लगाई जाएंगी।
इन चौपालों में किसान खुद संचालन संभालेंगे और अपनी समस्याएं व सुझाव साझा करेंगे। सभी सुझाव योगी सरकार तक पहुंचाए जाएंगे ताकि किसान कल्याण से जुड़े नए कदम उठाए जा सकें।
पहली कृषि चौपाल सोमवार को बागपत के मीतली गांव में आयोजित की गई। इसमें पूरी भागीदारी किसानों की रही। किसानों ने गन्ने के बढ़े हुए मूल्य के लिए योगी सरकार का आभार जताया। उनका कहना था कि पिछली सरकारें गन्ना किसानों की समस्याओं को गंभीरता से नहीं लेती थीं, लेकिन अब सरकार लगातार मूल्य बढ़ाकर किसानों को राहत दे रही है। किसानों ने यह भी कहा कि जो लोग किसानों के नाम पर राजनीति करते थे, वे भी अब चुप हैं क्योंकि आज किसानों के हित में वास्तविक काम हो रहे हैं।
चौपाल में किसानों ने कहा कि योगी सरकार ने न सिर्फ किसानों बल्कि युवाओं, महिलाओं और सभी वर्गों के लिए काम किया है। उन्होंने कहा कि किसी भी देश की उन्नति पांच बातों पर निर्भर करती है-स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क, बिजली और पानी।
पहले हाईवे और सड़कें खराब स्थिति में थीं, लेकिन 2014 के बाद केंद्र में मोदी सरकार और 2017 के बाद यूपी में योगी सरकार आने से क्षेत्र में बड़ा बदलाव आया है। आज हर वर्ग को विकास का लाभ मिल रहा है।
गन्ना किसानों को राहत देते हुए योगी सरकार ने गन्ने के मूल्य में 30 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की है।
यह बढ़ोतरी पेराई सत्र 2025-26 में लागू होगी। इस फैसले से गन्ना किसानों को 3000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त लाभ मिलेगा। योगी सरकार के कार्यकाल में यह चौथी बार है जब गन्ना मूल्य बढ़ाया गया है।
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