
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश में ईंट भट्टों के विनियमन के लिए जनपद स्तरीय समितियों का गठन किया गया है। इस पहल से प्रदेश में ईंट भट्टों का संचालन व्यवस्थित हुआ है और राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के मानकों के अनुसार प्रदूषण नियंत्रण के प्रभावी उपाय लागू किए गए हैं।
ईंट भट्टों के विनियमन के तहत वित्तीय वर्ष 2025-26 में प्रदेश सरकार को लगभग 193.5 करोड़ रुपये की आय विनियमन शुल्क के रूप में प्राप्त हुई है। यह राशि न केवल राज्य के राजस्व में उल्लेखनीय वृद्धि को दर्शाती है, बल्कि अवैध गतिविधियों पर अंकुश और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर गठित जनपद स्तरीय समितियों के माध्यम से प्रदेशभर में ईंट भट्टों का व्यापक सत्यापन अभियान चलाया गया। मुख्य सचिव की समीक्षा बैठक में अधिकारियों ने बताया कि सत्यापन समितियों ने विनियमन शुल्क की शत-प्रतिशत वसूली सुनिश्चित की। इसके साथ ही हजारों की संख्या में संचालित अवैध ईंट भट्टों को बंद कराया गया और कई भट्टों को मानकों के अनुरूप संचालित करने के लिए सुधार कराया गया।
जनपद स्तरीय समितियों में जिला अधिकारी, अपर जिला अधिकारी, एसडीएम, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी, स्थानीय पुलिस और पर्यावरण विशेषज्ञ शामिल हैं। इन सभी के समन्वय से ईंट भट्टों की निगरानी और सत्यापन को प्रभावी बनाया गया है।
जनपद स्तरीय सत्यापन के परिणामस्वरूप प्रदेश में अवैध ईंट भट्टों के संचालन में 70 प्रतिशत से अधिक की कमी दर्ज की गई है। इससे न केवल कानून व्यवस्था बेहतर हुई है, बल्कि पर्यावरण पर पड़ने वाला दुष्प्रभाव भी कम हुआ है।
एनजीटी के दिशा-निर्देशों के तहत सभी वैध ईंट भट्टों में जिग-जैग तकनीक, ऊंची चिमनियां और कम प्रदूषणकारी ईंधन का उपयोग अनिवार्य किया गया है। सत्यापन के दौरान लगभग 80 प्रतिशत ईंट भट्टों को एनजीटी अनुपालन प्रमाणित किया गया है, जबकि शेष को सुधार के लिए समय दिया गया है।
ईंट भट्टों के सख्त नियमन और एनजीटी मानकों के पालन से लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, आगरा और दिल्ली एनसीआर से सटे उत्तर प्रदेश के जिलों में वायु प्रदूषण के स्तर में उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई है।
ईंट भट्टों के सत्यापन और विनियमन के लिए बनाई गई जनपद स्तरीय समितियों के सफल संचालन से प्रदेश को जहां आर्थिक लाभ मिला है, वहीं पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास की दिशा में भी उत्तर प्रदेश ने एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है।
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