
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कृषि क्षेत्र को आधुनिक और तकनीकी रूप से उन्नत बनाने के लिए लगातार प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश अब तकनीक-आधारित खेती के नए मॉडल के रूप में उभर रहा है। सरकार पारंपरिक खेती को आधुनिक रूप देने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का व्यापक उपयोग कर रही है। इससे खेती का उत्पादन बढ़ा है और किसानों की आमदनी में भी बड़ा सुधार हुआ है। एआई की मदद से मौसम, मिट्टी और फसल के अनुसार वैज्ञानिक सलाह, कीट नियंत्रण, सिंचाई प्रबंधन और बाजार उपलब्धता जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय सफलता मिली है।
राज्य में एआई तकनीक से जुड़े ड्रोन, स्मार्ट सिंचाई प्रणाली और डिजिटल कृषि प्लेटफॉर्म के इस्तेमाल से कृषि कार्य अधिक तेज, सटीक और बेहतर गुणवत्ता वाले बने हैं। डिजिटल कृषि मिशन के तहत 300 से अधिक कृषि विशेषज्ञ, वैज्ञानिक और प्रगतिशील किसान स्मार्ट खेती को बढ़ावा दे रहे हैं।
एआई आधारित कीट और रोग निगरानी प्रणाली से फसलों को होने वाला नुकसान काफी कम हुआ है। इससे मक्का की उपज 29 क्विंटल प्रति हेक्टेयर से बढ़कर 70 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पहुंचाने में मदद मिली है। धान की उपज भी 45 क्विंटल प्रति हेक्टेयर से ज्यादा करने की दिशा में तेजी से प्रगति हो रही है। उत्तर प्रदेश अब उच्च उत्पादकता वाले राज्यों में शामिल होने की ओर तेजी से बढ़ रहा है।
विश्व बैंक और गूगल की साझेदारी से उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है जिसने बड़े पैमाने पर एआई आधारित कृषि और प्रशासनिक व्यवस्था को अपनाया है। यह प्रणाली किसानों को वास्तविक समय पर मौसम, मिट्टी और फसल के आधार पर सटीक डिजिटल सलाह प्रदान करती है।
ई-नाम जैसे प्लेटफॉर्मों ने किसानों को आसान बाजार उपलब्ध कराया है, जबकि एआई की मदद से ऋण, बीमा और सब्सिडी जैसी सेवाओं का लाभ भी तेजी से उपलब्ध हो रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का लक्ष्य हर किसान को तकनीक से जोड़कर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है। इन प्रयासों का परिणाम है कि किसानों की आय बढ़ाने के लक्ष्य अब तेजी से पूरे होते दिख रहे हैं। एआई आधारित कृषि परिवर्तन उत्तर प्रदेश को न सिर्फ एक नए भविष्य की ओर ले जा रहा है, बल्कि पूरे देश के लिए एक आदर्श मॉडल भी बन रहा है।
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