
लखनऊ। उत्तर प्रदेश को वर्ष 2047 तक देश के विकसित राज्यों की सूची में शामिल कराने के लिए योगी सरकार अवसंरचना और उद्योग विस्तार पर तेज गति से काम कर रही है। ‘विकसित उत्तर प्रदेश 2047’ विजन डॉक्यूमेंट का निर्माण जारी है और अब तक 98 लाख से अधिक लोगों और स्टेकहोल्डर्स से सुझाव लिए जा चुके हैं। सबसे ज्यादा सुझाव कृषि, ग्रामीण विकास और शिक्षा से जुड़े हैं। मुख्यमंत्री योगी ने इसे जनता की सक्रिय भागीदारी का सकारात्मक संकेत बताया है।
राज्य एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य की ओर आगे बढ़ रहा है। दीर्घकालिक लक्ष्य वर्ष 2047 तक छह ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था तैयार करना है। इन उद्देश्यों को पूरा करने के लिए 15–16 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि दर आवश्यक है।
औद्योगिक निवेश और रोजगार प्रोत्साहन नीति 2022 इन लक्ष्यों को पूरा करने में अहम भूमिका निभा रही है। इसके तहत योग्य औद्योगिक इकाइयों को 25% तक पूंजीगत सब्सिडी मिलती है। पूर्वांचल और बुंदेलखंड में यह सुविधा 45 करोड़ रुपये तक निर्धारित है, ताकि इन क्षेत्रों को नया औद्योगिक केंद्र बनाया जा सके।
निवेशकों के लिए जमीन खरीद को आसान बनाने के लिए सरकार ने स्टांप ड्यूटी में बड़ी छूट दी है।
सरकार का मानना है कि यह कदम नए उद्योगों को आकर्षित करेगा और पुराने उद्योगों को विस्तार के लिए प्रोत्साहित करेगा।
योगी सरकार ने पिछले वर्षों में अवसंरचना विकास को प्राथमिकता दी है। आज यूपी 13 एक्सप्रेस-वे और 5 अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों के साथ देश का सबसे बड़ा कनेक्टिविटी नेटवर्क प्रदान करने वाला राज्य बन चुका है। यह मजबूत नेटवर्क उत्तर प्रदेश को तेजी से बढ़ते लॉजिस्टिक्स हब के रूप में स्थापित कर रहा है और उद्योगों को बेहतर परिवहन और कनेक्टिविटी उपलब्ध करा रहा है।
वित्त वर्ष 2025–26 के बजट 8,08,736 करोड़ रुपये में से लगभग 22% हिस्सा अवसंरचना विकास के लिए रखा गया है। इसके तहत:
तेजी से विकसित की जा रही हैं। सरकार का मानना है कि इन प्रयासों से प्रदेश की औद्योगिक क्षमता कई गुना बढ़ेगी और लाखों रोजगार के अवसर पैदा होंगे। ‘विकसित उत्तर प्रदेश 2047’ का विजन अब एक ऐसी प्रक्रिया बन चुका है जिसमें नीति, विकास और जनता की भागीदारी मिलकर प्रदेश के भविष्य को मजबूत बना रहे हैं।
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