
फिरोजाबाद। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अंत्योदय के संकल्प के तहत समाज के अंतिम व्यक्ति तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचा रही है। फिरोजाबाद जनपद के शिकोहाबाद विकास खंड की ग्राम पंचायत असुआ की रहने वाली माया देवी की कहानी इस संकल्प की सशक्त मिसाल है।
पति की आकस्मिक मृत्यु के बाद माया देवी का जीवन संघर्षों से भर गया। दो छोटे बच्चों की परवरिश और रहने के लिए पक्का घर न होना उनकी सबसे बड़ी समस्या थी। वे अपने बच्चों के साथ तिरपाल से बनी कच्ची झुग्गी में रहने को मजबूर थीं। बारिश और ठंड के मौसम में वहां रहना बेहद कठिन था। साथ ही हर समय बच्चों की सुरक्षा की चिंता बनी रहती थी।
जब माया देवी को जानकारी मिली कि योगी सरकार विधवा और निराश्रित महिलाओं को प्राथमिकता के आधार पर आवास दे रही है, तो उन्होंने मुख्यमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत आवेदन किया। पात्रता सर्वे में उन्हें योग्य पाया गया और योजना के अंतर्गत उनके आवास को स्वीकृति मिली।
सरकार ने आवास निर्माण के लिए कुल 1 लाख 20 हजार रुपये की सहायता राशि तीन किश्तों में सीधे उनके बैंक खाते में भेजी-
आवास निर्माण के साथ माया देवी को मनरेगा के तहत 90 दिन की मजदूरी के रूप में 22,680 रुपये की अतिरिक्त सहायता भी मिली। इस आर्थिक सहयोग से वे अपने घर का निर्माण सम्मान के साथ कर सकीं। इसके अलावा माया देवी को प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना का लाभ भी मिला, जिससे उनके घर में गैस कनेक्शन उपलब्ध हुआ। आज उनका पक्का मकान पूरी तरह बनकर तैयार है, जहां वे अपने बच्चों के साथ सुरक्षित जीवन जी रही हैं।
जिलाधिकारी रमेश रंजन ने बताया कि मुख्यमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) का उद्देश्य समाज के सबसे जरूरतमंद और वंचित वर्ग को मुख्यधारा से जोड़ना है। माया देवी जैसी पात्र महिलाओं को प्राथमिकता के आधार पर आवास, उज्ज्वला योजना और मनरेगा मजदूरी का लाभ दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शासन के निर्देशानुसार यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि जनपद में कोई भी पात्र व्यक्ति आवासविहीन न रहे। माया देवी के जीवन में आया यह सकारात्मक बदलाव प्रशासन के लिए भी संतोष का विषय है।
आज माया देवी अपने कठिन अतीत को पीछे छोड़कर बेहतर भविष्य की ओर बढ़ रही हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रति आभार जताते हुए कहा कि पक्के घर से उनके बच्चों को शिक्षा के लिए सुरक्षित और अच्छा वातावरण मिला है।
उन्होंने कहा कि अब न बारिश का डर है, न ठंड का और न ही असुरक्षा की चिंता। सरकार ने उन्हें सिर्फ घर नहीं दिया, बल्कि सम्मान के साथ जीने का अवसर दिया है। उनकी कहानी बताती है कि संवेदनशील सरकारी नीतियां जरूरतमंदों के जीवन में स्थायी बदलाव ला सकती हैं।
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