भवानी को भाया उत्तराखंड, गोल्ड भी जीता, दिल भी

Published : Feb 11, 2025, 06:31 PM IST
bhivani

सार

ओलंपिक क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय महिला तलवारबाज, भवानी देवी ने राष्ट्रीय खेलों में गोल्ड जीतकर उत्तराखंड का दिल जीत लिया। उत्तराखंड में खेल आयोजनों की व्यवस्था को उन्होंने सराहा और अपनी खेल यात्रा पर खुलकर बात की।

तलवारबाजी यानी फेंसिंग के खेल में देश के शीर्ष खिलाड़ियों का जिक्र करें, तो एक नाम सबसे प्रमुखता से उभरता है-सीए भवानी देवी। उनकी उपलब्धियों की फेहरिस्त काफी लंबी है। ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाली देश की पहली महिला तलवारबाज हैं। राष्ट्रीय खेलों के लिए उत्तराखंड आईं भवानी देवी ने अपनी ख्याति के अनुरूप तलवारबाजी की स्पर्धा में गोल्ड तो जीता ही, साथ ही, अपने विनम्र स्वभाव से लोगों का दिल भी जीत लिया। उत्तराखंड हर तरह से उन्हें अच्छा लगा है। फेंसिंग की इवेंट के लिए किए गए इंतजामों को उन्होंने परफेक्ट बताया है।

भवानी देवी ने महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स काॅलेज परिसर में पहले तलवारबाजी का फाइनल अपने नाम किया, फिर मौली संवाद काॅन्क्लेव में पहुंचकर अपनी खेल यात्रा के पन्ने खोले। दृढ़ता और गरिमा से सजी अपनी यात्रा पर विस्तार से बात की। काॅन्क्लेव से फुरसत पाकर एक बातचीत में उन्होंने राष्ट्रीय खेल, उत्तराखंड आगमन और भारत में तलवारबाजी के भविष्य जैसे कई विषयों पर विस्तार से अपना नजरिया रखा।

देश में हमारे खेल के लायक माहौल बन रहा

-भवानी देवी मानती हैं-भारत में तलवारबाजी खेल के लिए धीरे-धीरे अनुकूल माहौल तैयार हो रहा है। वर्ष 2020 में टोक्यो ओेलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाली वह पहली महिला खिलाड़ी बनी थीं। तब से लेकर अब तक काफी बदलाव आ गया है। वह बताती हैं-इस बार के नेशनल गेम्स में तलवारबाजी खेल में भाग लेने वाले खिलाड़ियों की संख्या बढ़ गई है। यह यह अच्छी बात है। उन्होंने कहा-मैने कभी कोई नेशनल गेम मिस नहीं किया है, क्योंकि मैं इसी गेम से आगे बढ़ी हूं। वैसे, मै हर स्तर के टूर्नामेंट का सम्मान करती हूं।

भवानी की नजरें लाॅंस एंजिल्स ओलंपिक पर

अर्जुन अवार्डी भवानी देवी काॅमनवेल्थ गेम्स में दोहरा स्वर्ण जीत चुकी हैं। एशियन चैंपियनशिप में पदक जीतने वाली पहली भारतीय तलवारबाज हैं। कहती हैं-देर-सबेर तलवारबाजी में भी देश के हिस्से ओलंपिक पदक आएगा। भवानी देवी की लांस एंजिल्स में होने वाले ओलंपिक खेल पर नजर है। वह कहती है-फिलहाल तो उनका लक्ष्य लांस एंजिल्स ओलंपिक ही है।

38 वें राष्ट्रीय खेलों की व्यवस्थाओं को सराहा

-भवानी देवी दूसरी बार उत्तराखंड आई हैं। इससे पहले, वर्ष 2021 में रूद्रपुर में आयोजित प्रतियोगिता के सिलसिले में उनका उत्तराखंड आना हुआ था। अब देहरादून में राष्ट्रीय खेलों का वह हिस्सा बनी हैं। भवानी देवी का कहना है-राष्ट्रीय खेलों के लिए उत्तराखंड ने अच्छी व्यवस्थाएं की हैं। खास तौर पर फेंसिंग इवेंट में सटीक निर्णय के लिए अच्छे इंतजाम किए गए हैं।

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