
Char Dham Winter Schedule: उत्तराखंड की पवित्र चारधाम यात्रा में हर साल लाखों श्रद्धालु शामिल होते हैं। इसमें बद्रीनाथ, केदारनाथ, श्री मद्महेश्वर और तुंगनाथ के धाम प्रमुख हैं। जैसे ही शीतकाल आने को होता है, इन धामों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। यह परंपरा न केवल धार्मिक महत्व रखती है, बल्कि श्रद्धालुओं के लिए एक खास अनुभव भी है। इस साल चार धाम यात्रा (Char Dham Yatra 2025) के लिए कपाट बंद होने की आधिकारिक तिथियां घोषित कर दी गई हैं। जानिए, कब कौन सा धाम शीतकाल के लिए बंद होगा और पूजा का तरीका क्या है।
हर वर्ष जैसे ही सर्दियों का मौसम आता है, धामों में भारी बर्फबारी और कठिन मौसम का सामना करना पड़ता है। इसलिए बद्रीनाथ और केदारनाथ जैसे प्रमुख धामों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। कपाट बंद होने के बाद देव प्रतिमाओं को शीतकालीन गद्दीस्थल पर ले जाया जाता है, जहां पूरे सर्दियों में पूजा-अर्चना जारी रहती है। यह परंपरा श्रद्धा और विधिविधान के साथ संपन्न होती है।
इन तिथियों से पहले श्रद्धालु भगवान के दर्शन के लिए विशेष रूप से यात्रा करते हैं।
कपाट बंद होने की प्रक्रिया पूरी तरह पारंपरिक रीति-रिवाज और श्रद्धा के साथ की जाती है। भक्त भक्ति और विश्वास के साथ धामों में आते हैं। यह समय श्रद्धालुओं के लिए अंतिम अवसर होता है कि वे देवताओं के दर्शन कर सकें। कपाट बंद होने के बाद धामों में सर्दियों के दौरान देव प्रतिमाओं की पूजा शीतकालीन गद्दीस्थल पर होती रहती है। यही कारण है कि हर साल लाखों लोग चार धाम यात्रा के लिए मौसम शुरू होने से पहले विशेष यात्रा करते हैं।
क्या आप जानते हैं कि इस साल चारधामों के कपाट बंद होने से पहले भगवान के दर्शन कैसे करें और पूजा का सही समय क्या है? यह सवाल हर श्रद्धालु के मन में होता है। इसलिए सही तिथि और समय जानना जरूरी है।
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