
Dharali Disaster 2025: लगातार बारिश और भूस्खलन से प्रभावित उत्तरकाशी की धाराली घाटी में हालात अब भी चुनौतीपूर्ण बने हुए हैं। गंगा और उसकी सहायक नदियों के उफान से गांवों का संपर्क कट गया है। ऐसे में सेना, ITBP, SDRF और NDRF की टीमें मोर्चे पर डटी हैं और राहत-बचाव अभियान चौबीसों घंटे जारी है।
धाराली क्षेत्र में 15 और 16 अगस्त को तेज बारिश के बाद कई जगह भूस्खलन (landslide) हुआ। इससे सड़कें बंद हो गईं और गांवों तक आवश्यक आपूर्ति पहुँचाना कठिन हो गया। BRO और आर्मी इंजीनियरिंग टीमों को जगह-जगह सड़क साफ करने और मलबा हटाने में लगाया गया है। कई जगह एकतरफ़ा यातायात बहाल किया गया है, लेकिन जोखिम अभी भी बरकरार है।
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अभी तक दर्जनों हवाई उड़ानों के जरिए राशन, दवाइयाँ और अन्य आवश्यक सामग्री प्रभावित गांवों तक पहुँचाई गई है। SDRF और सेना की टीमें लोगों को सुरक्षित स्थानों तक निकाल रही हैं। रिज़र्व राशन और पीने का पानी भी एयरलिफ्ट कर भेजा जा रहा है।
आईआईटी रुड़की, वाडिया इंस्टीट्यूट और GSI (Geological Survey of India) के वैज्ञानिक लगातार इलाके का सर्वेक्षण कर रहे हैं। वे पहाड़ों की संरचना और नदी के प्रवाह की निगरानी कर रहे हैं, ताकि भविष्य में संभावित खतरों की सही जानकारी प्रशासन को मिल सके।
धाराली और आसपास के इलाकों में राहत कार्य अभी जारी है। प्रशासन ने लोगों से नदी किनारे और ढलान वाले क्षेत्रों से दूर रहने की अपील की है। वैज्ञानिकों की रिपोर्ट के आधार पर अगले कुछ दिनों में पुनर्वास और स्थायी समाधान की योजना पर काम तेज़ होने की उम्मीद है।
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