शहीद श्री संजय कुमार सिंह के पर्यावरण संरक्षण में योगदान को किया सम्मानित

Published : Feb 18, 2025, 02:04 PM IST
Tribute

सार

शहीद आईएफएस अधिकारी संजय कुमार सिंह को उनकी 23वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि। अवैध खनन माफिया से लड़ते हुए उन्होंने अपना जीवन राष्ट्र की सेवा में अर्पित कर दिया।

देहरादून : आज इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी (IGNFA), देहरादून में 23वें संजय कुमार सिंह स्मृति दिवस समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें भारतीय वन सेवा (आईएसएफ) के शहीद अधिकारी श्री संजय कुमार सिंह के जीवन और बलिदान को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। उन्होंने अपनी ज़िंदगी राष्ट्र की सेवा में और पर्यावरण की रक्षा करते हुए शहीद होकर पिछड़े और वंचित समुदायों की सेवा की।

श्री संजय कुमार सिंह, जिनका जन्म 13 सितंबर 1967 को बिहार के सीतामढ़ी जिले के बेलहमी जयराम गाँव में हुआ था | उन्होंने प्रारंभ से ही उत्कृष्ट शैक्षिक प्रदर्शन और सार्वजनिक सेवा के प्रति गहरी प्रतिबद्धता दिखाई। आईआईटी दिल्ली और जेएनयू से शिक्षा प्राप्त करने के बाद, उन्होंने 1991 में भारतीय वन सेवा जॉइन की, जहाँ उन्होंने कठिन परिस्थितियों में भी अद्वितीय साहस और निस्वार्थ सेवा का प्रदर्शन किया।

गढ़वा, हजारीबाग और शाहाबाद (सासाराम) में वन प्रमंडल पदाधिकारी (DFO) के रूप में श्री संजय कुमार सिंह ने पर्यावरण के विनाश और अवैध गतिविधियों, विशेष रूप से अवैध खनन, पत्थर खनन और जंगलों की अतिक्रमण के खिलाफ संघर्ष किया। शाहाबाद, जो अवैध खनन और अतिक्रमण के लिए जाना जाता था, उन्होंने वन संसाधनों का शोषण करने वाले माफिया नेटवर्क के खिलाफ अपनी लड़ाई की शुरुआत की।

11 दिसंबर 2000 को श्री संजय सिंह को सासाराम में वन प्रमंडल पदाधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया, जहाँ उन्होंने अवैध खनन माफिया के खिलाफ एक प्रचंड अभियान की शुरुआत की । जीवन को खतरे में डालते हुए, उन्होंने वन भूमि की रक्षा और अतिक्रमित क्षेत्रों की पुनःप्राप्ति के लिए व्यक्तिगत रूप से अभियान का नेतृत्व किया। 30 जनवरी 2002 को, उनकी टीम पर खनन माफिया से प्रभावित एक समूह ने हमला किया, लेकिन उन्होंने साहस के साथ इसका मुकाबला किया और अपनी प्रतिबद्धता को बनाए रखा।

15 फरवरी 2002 को, अपने कर्तव्यों के दौरान श्री संजय कुमार सिंह अवैध खनन माफिया से लड़ते हुए शहीद हो गए। उनका बलिदान पर्यावरण की रक्षा करते हुए, वनों की सुरक्षा, पिछड़े और वंचित समुदायों के अधिकारों के लिए खड़ा रहते हुए हुआ। उनके इस दुखद निधन के चलते देश ने अपना एक जाबाज़ अधिकारी खो दिया , लेकिन उनकी साहस और कर्तव्यों के प्रति प्रतिबद्धता आज भी वन सेवा में काम कर रहे अधिकारियों को प्रेरित करती है।

आज के स्मृति समारोह में श्री संजय कुमार सिंह के माता-पिता, डॉ. घनश्याम नारायण सिंह और डॉ. कांती सिंह, अन्य परिवार के सदस्य और अन्य सम्माननीय व्यक्ति उपस्थित थे। मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व आईएएस अधिकारी और बिहार RERA के अध्यक्ष श्री विवेक कुमार सिंह ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। समारोह में डॉ. जगमोहन शर्मा, निदेशक IGNFA और प्रमुख वन्यजीव एवं पर्यावरण संस्थाओं के प्रतिष्ठित व्यक्ति भी उपस्थित थे।

श्री संजय कुमार सिंह का पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक कल्याण के लिए बलिदान उनकी निष्ठा, साहस और ईमानदारी का प्रतीक है। उन्होंने केवल भारत के जंगलों की रक्षा नहीं की, बल्कि अनुसूचित जनजाति और गरीब समुदायों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में भी सुधार किया। यह समारोह उनके अद्वितीय मूल्यों और समाज पर उनके सकारात्मक प्रभाव को याद करने का अवसर था। श्री विवेक कुमार सिंह ने कहा, "संजय कुमार सिंह का जीवन सार्वजनिक सेवा की सच्ची भावना को दर्शाता है — एक ऐसा जीवन जो ईमानदारी, साहस और राष्ट्र के लोगों और पर्यावरण के लिए समर्पित था।"

श्री संजय कुमार सिंह की धरोहर आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी रहेगी, और भारतीय वन सेवा के अधिकारी, पर्यावरण विशेषज्ञ और नागरिक समाज के कल्याण और भारत के प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा के लिए निरंतर काम करेंगे।

PREV

उत्तराखंड के तीर्थ-पर्यटन केंद्रों, पहाड़ी इलाकों, मौसम, सरकारी योजनाओं और स्थानीय प्रशासन से जुड़ी ताज़ा खबरें पढ़ें। देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार और पहाड़ी ज़िलों की रिपोर्ट्स के लिए Uttarakhand News in Hindi सेक्शन फॉलो करें — विश्वसनीय और विस्तृत राज्य कवरेज यहीं।

Recommended Stories

Pet Dog FIR Rule: अगर पालतू कुत्ते ने काटे तो मालिक पर होगी FIR? जानिए क्या है नया नियम
उत्तराखंड में भारतीयों की ना सुधरने वाली हरकतों से परेशान हुई रूसी महिला-Watch Video