उत्तराखंड सरकार ने खनन क्षेत्र में राजस्व संग्रहण का नया कीर्तिमान स्थापित किया है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के पहले नौ महीनों में राज्य ने ₹686 करोड़ का राजस्व अर्जित किया, जो पिछले वित्तीय वर्ष के ₹645 करोड़ के आंकड़े को पार कर चुका है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में यह उपलब्धि खनन विभाग की सूझबूझ और सरकार की प्रभावी नीतियों का परिणाम है। अब, राज्य सरकार का लक्ष्य खनन से राजस्व को ₹1,000 करोड़ तक पहुंचाना है, और इस दिशा में लगातार सकारात्मक संकेत मिल रहे हैं।
उत्तराखंड में खनन, अब सिर्फ एक उद्योग नहीं, बल्कि राज्य के विकास में एक महत्वपूर्ण स्रोत बन चुका है। पिछले कुछ वर्षों में खनन से होने वाली आय में लगातार वृद्धि देखने को मिली है। खासकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में खनन विभाग ने अपनी कार्यप्रणाली में कई सकारात्मक बदलाव किए हैं। 2020-21 में ₹397 करोड़ से लेकर 2024-25 में ₹686 करोड़ तक की वृद्धि ने स्पष्ट कर दिया है कि सरकार की नीतियां कारगर साबित हो रही हैं।
राजस्व में बढ़ोतरी से राज्य में बुनियादी विकास कार्यों को गति मिली है। सड़कों, पुलों और ग्रामीण विकास कार्यों में खनन से प्राप्त राजस्व का उपयोग हो रहा है। साथ ही, पर्यावरणीय संतुलन को बनाए रखने के लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं ताकि खनन के कारण होने वाली क्षति को कम किया जा सके।
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