रायवाला, उत्तराखंड | रायवाला के पुराने हाईवे के पास एक निर्माणाधीन भवन में गोवंशी शिशु का कटा सिर मिलने से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई। यह घटना जब सामने आई, तो स्थानीय ग्रामीणों और हिंदूवादी संगठनों में गुस्से की लहर दौड़ गई। भवन मालिक आशुतोष नेगी ने इस मामले में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद अज्ञात के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर जांच शुरू कर दी गई है।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि गोवंशी की हत्या कर उसका सिर भवन के निर्माणाधीन गोदाम में फेंका गया। इस मामले में हिंदूवादी संगठन के कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे मामले को दबाने की कोशिश कर रहे हैं और दोषियों को पकड़ने की बजाय एक झूठी कहानी बना रहे हैं।
पुलिस का दावा था कि इलाके में एक गर्भवती गाय की मौत हो गई थी, जिसे सही तरीके से दफनाने की बजाय एक कुत्ते ने उसके बच्चे का सिर बाहर निकालकर भवन में ले गया। हालांकि, जब ग्रामीण पुलिस द्वारा बताए गए स्थान पर पहुंचे, तो वहां गाय को दफनाने के कोई निशान नहीं मिले, जिससे मामला और भी पेचिदा हो गया। इस पर गुस्साए ग्रामीणों ने थाने के बाहर प्रदर्शन किया और पुलिस को एक दिन का समय दिया, चेतावनी दी कि अगर दोषियों को नहीं पकड़ा गया, तो वे उग्र आंदोलन करेंगे।
वहीं, रायवाला थाने के प्रभारी निरीक्षक बिहारी लाल भारती ने कहा कि कटा सिर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
इस बीच, रायवाला के पास स्थित एक मदरसे में नमाज पढ़ने को लेकर भी विवाद पैदा हो गया है। विहिप कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि बाहरी क्षेत्र से बड़ी संख्या में मुस्लिम लोग यहां नमाज पढ़ने आते हैं, जिससे इलाके में असुरक्षा का माहौल बनता है। इस मामले पर प्रभारी निरीक्षक ने कहा कि मदरसे की जांच की जाएगी और संबंधित पक्ष को नोटिस भेजा जाएगा।
गंभीरता को देखते हुए, शुक्रवार को मदरसे में नमाज नहीं पढ़ी गई और डोईवाला तथा ऋषिकेश से अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया था।
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