उत्तराखंड से एक ऐसी दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है, जिसे जानकर इंसानियत पर विश्वास करना मुश्किल हो जाएगा। एक गरीब बहन ने अपनी मजबूरी में अपने भाई के शव को टैक्सी की छत पर बांधकर 195 किलोमीटर दूर घर पहुंचाया, क्योंकि उसके पास शव को अस्पताल से घर तक लाने के लिए एंबुलेंस का किराया नहीं था। यह घटना न केवल दिल को चीर देने वाली है, बल्कि हमारे समाज की हकीकत को भी सामने लाती है। केवल कहने को ही शायद कहा जाता है, इंसानियत से बड़ा कुछ नहीं है, लेकिन कभी-कभी पैसे का हाथ इतना लंबा होता है कि हम अपना कर्तव्य और मानवता भूल जाते हैं।
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले की रहने वाली शिवानी अपने छोटे भाई अभिषेक के साथ हल्द्वानी में काम करती थी। शुक्रवार को अचानक अभिषेक की तबियत बिगड़ गई और उसे अस्पताल में भर्ती किया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। बाद में जब शिवानी ने शव को घर ले जाने के लिए एंबुलेंस का सहारा लिया, तो उसे एंबुलेंस वालों ने 10 से 12 हजार रुपये की मांग की। पैसे न होने के कारण, बहन ने एंबुलेंस वालों से किराया कम करने की गुजारिश की, लेकिन कोई भी उसकी मदद करने को तैयार नहीं हुआ।
अंत में, शिवानी ने एक टैक्सी चालक को बुलाया और भाई के शव को टैक्सी की छत पर बांधकर 195 किलोमीटर दूर अपने घर ले आई। यह घटना न केवल समाज की संवेदनहीनता को उजागर करती है।
इस दुखद घटना के बाद जब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को इस बात की जानकारी मिली, तो उन्होंने मामले में जांच के आदेश दिए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कही। उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए।
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