सार
उत्तराखंड | लोगों और प्रयटकों का इंतज़ार अब खत्म हो गया है। उत्तराखंड में मौसम ने करवट ले ली है, जिसके बाद चारों धामों सहित हर्षिल घाटी में सीजन की पहली बर्फबारी देखने को मिली। नज़ारा स्वर्ग से भी सुंदर हो गया। इस बदलाव ने न केवल ठंड बढ़ा दी, बल्कि लंबे इंतजार के बाद स्थानीय लोगों और पर्यटकों के चेहरों पर मुस्कान भी ला दी। वहीं, वहीं निचले इलाकों में हुई बारिश ने तापमान में गिरावट लाकर ठिठुरन बढ़ा दी।
स्वर्ग से सुंदर हो गए चारों धाम
गंगोत्री धाम के तीर्थपुरोहित सुधांशु सेमवाल ने बताया कि क्षेत्र में हल्की बर्फबारी शुरू हो चुकी है और रात में भारी बर्फबारी की संभावना है। यमुनोत्री धाम में सर्दी इतनी बढ़ गई है कि गरुड़ गंगा का पानी और प्राकृतिक झरने जम चुके हैं। वहीँ केदारनाथ धाम में भी मौसम बदलने के बाद देर शाम बर्फबारी शुरू हो गई।
बदरीनाथ और चीन सीमा क्षेत्र में बर्फबारी
चमोली जिले के बदरीनाथ धाम और आसपास के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में देर शाम से बर्फबारी का दौर शुरू हो गया। निचले इलाकों में हुई बूंदाबांदी ने ठंड बढ़ा दिया है। वहीं, चीन सीमा से लगे माणा पास, घस्तोली, बाड़ाहोती, और सुमना जैसे क्षेत्रों में भी बर्फबारी जारी है। हेमकुंड साहिब क्षेत्र भी पूरी तरह बर्फ की चादर से ढक गया है।
किसानों और पर्यटकों ने ली राहत की सांस
लंबे समय से बारिश और बर्फबारी का इंतजार कर रहे किसान इस मौसम के बदलाव से राहत महसूस कर रहे हैं। सेब और अन्य फसलों के उत्पादन को लेकर उनकी चिंताएं अब कुछ हद तक कम हुई हैं। वहीं, पर्यटक इस बर्फबारी का लुत्फ उठाने पहाड़ों का रुख कर रहे हैं। मौसम विभाग ने आगामी दिनों में और अधिक ठंड बढ़ने की संभावना जताई है। ऐसे में ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी और निचले इलाकों में बारिश का सिलसिला जारी रहने की उम्मीद है।
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